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Calculate kw to hp and hp to kw in Hindi |Convert kw to hp and hp to kw|

दिसंबर 23, 2019
अक्सर motor की rating hp/kw में होती है लेकिन कुछ लोग जब किसी motor की rating hp/kw में देखते हैं  जो वो कंफ्यूज हो जाते है की hp को kw में कैसे बदला जाए ? या kw को hp में कैसे बदला जाए ? ये पोस्ट उन सभी दोस्तों के लिए है जो जानना चाहते हैं  कि  कैसे hp को kw में और kw को hp में बदला जाता है, इस पोस्ट में हम विस्तार  में बात करेंगे Calculate kw to hp and hp to kw in Hindi, |Convert kw to hp and hp to kw| के topic पर| hp को kw में और kw को hp में बदलने के लिए आपको दो बातों का पता होना बहुत जरुरी है। पहला तो ये की 1 hp में 746 watt होते हैं, और दूसरा 1 kw में 1000 watt होते हैं अगर आप हमारी सभी latest पोस्ट का update पाना चाहते हो , तो आप हमको Instagram पर Follow कर सकते हैं , क्योकि सभी latest पोस्ट हम Instagram पर update करते रहते है | तो चलिए देखते है अब की, hp को kw में और kw को hp में कैसे बदलते है ?

hp को kw में कैसे बदलते है ? Convert hp to kw.


जैसा की हमने जाना की 1 kw में 1000 watt होते है और 1 hp में 746 watt होते है, अगर आपके पास कोई ऐसी motor है जिसकी rating hp में है और आपको उसे kw में बदलना है तो सबसे पहले आपको hp को watt में बदलना होगा, जैसे की 1 hp है तो 1 * 746 = 746 watt इसी प्रकार 2 hp की motor हो तो 2 * 746 = 1492 watt. अब हम जानते हैं  की 1 kw में 1000 watt होते है तो हमको अब अगर 1 hp को kw में बदलना है तो हम 746 को 1000 से भाग दे देंगे, भाग देने पर हमको जो संख्या मिलेगी वो kw होगी| जैसे 746 / 1000 = 0.746 kw ठीक इसी प्रकार अगर हमको 2 hp को kw में बदलना है तो हम 1492 को 1000 से भाग दे देंगे जैसे की 1492 / 1000 = 1.492 kw इस प्रकार से हम hp को आसानी से kw में बदलते है|


KW को HP में कैसे बदलते है ? Convert KW to HP.

अब हम जान चुके है की 1 kw में 1000 watt होते है और 1 hp में 746 watt होते है, अब अगर आप किसी kw को hp में बदलना चलते है तो आपको सबसे पहले kw को watt में बदलना होगा जैसे की 1 * 1000 = 1000 watt इसी प्रकार 2 kw हो तो 2 * 1000 = 2000 watt, kw को watt में बदलने के बाद अब हम इस watt को 746 से भाग दे देंगे जैसे की 1000 / 746 = 1.34 hp, ठीक इसी प्रकार से 2 kw हो तो 2000 / 746 = 2.68 hp. इस प्रकार से आप किसी भी kw को बड़ी ही आसानी से hp में बदल सकते हो|


दोस्तों हम उम्मीद करते हैं कि आपको दी गई जानकारी पसंद आई होगी और अगर आपका भी ये doubt था तो वो अब खत्म हो गया होगा, आपको ये पोस्ट कैसी लगी कृपया  हमको नीचे  comment करके जरुर बताए|

Calculate kw to hp and hp to kw in Hindi |Convert kw to hp and hp to kw| Calculate kw to hp and hp to kw in Hindi |Convert kw to hp and hp to kw| Reviewed by Joshi Brothers on दिसंबर 23, 2019 Rating: 5

Servo Motor - Working, Construction, Types, Uses and Controller in Hindi. Servo and Servo Mechanism

नवंबर 11, 2019
इस पोस्ट को पढने के बाद आपको सर्वो motor के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी मिल जाएंगी, आप इस topic को विडियो को मध्यम से भी समझ सकते हैं जिसको हमने Learn EEE के youtube channel पर upload किया हुआ है | जैसा की आपको पता होगा की हमारी सभी motors Electrical Energy को Mechanical Energy में बदलती है, ठीक इसी प्रकार से Servo motor भी काम करती है| Servo Motor special purpose motor है जिसको सिर्फ special purpose के लिए ही इस्तेमाल किया जाता है, जैसा की आपने भी देखा होगा की हर जगह इस्तेमाल नही किया जाता है, तो फिर सवाल ये आता है की servo motor को कहा और क्यों इस्तेमाल किया है और servo motor ही क्यों इस्तेमाल की जाती है ? Toys, cnc machines, vmc machines, robotics और हर वो जगह जहां पर हमको अपने object को specific angle पर घुमाना हो या जहां पर हमको high starting torque चाहिए और high accuracy चाहिए वहाँ पर हम servo motor को इस्तेमाल करते है| जिस प्रकार से induction motor की rating HP या KW में होती है ठीक उसी प्रकार  से servo motor की rating KG/CM में होती है| अगर आप हमारी सभी latest पोस्ट का update पाना चाहते है, तो आप हमको Instagram पर Follow कर सकते है, क्योकि सभी latest पोस्ट हम Instagram पर update करते रहते है |

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Servo Motor - Working, Construction, Types, Uses and Controller in Hindi. Servo and Servo Mechanism
Servo Motor

What is the difference between a Servo Motor and an Induction Motor ?


Servo Motor और Induction Motor को जो चीज अलग करती है वो है इनका control system, servo motor closed loop control system पर काम करती है जिसको हम feedback system भी कहते है लेकिन induction motor open loop control system पर काम करने वाली motors है| induction motors का starting torque servo motors के मुकाबले बहुत कम होता है, induction motors की speed control, temperature control, breaking servo motor के मुकाबले काफी जटिल होती है जबकि हम servo motor की किसी भी angle में घुमा सकते है जैसे की अगर कही पर हमको सिर्फ 180 degree का ही rotation चाहिए तो हम servo motor की मदद से इसे भी प्राप्त कर सकते है लेकिन induction motors में ऐसा नही किया जा सकता |

servo motor का Construction कैसा है ?


जैसा की हमने जाना की servo motor closed loop control system पर काम करने वाली motor है जैसा की नीचे  block diagram में दिखाया गया है-
Servo Motor - Working, Construction, Types, Uses and Controller in Hindi. Servo and Servo Mechanism
servo motor block diagram


servo motor दो प्रकार के होती है AC servo motor और DC servo motor, servo motor का construction बाकी की motors से थोडा अलग होता है, servo motor में इस्तेमाल होने वाले पार्ट्स है-
  • motor.
  • Controller.
  • Reduction Gear.
  • Encoder/Potentiometer.
Reduction Gear:- एक आम motor की तरह ही servo motor में भी stator और rotor होते है लेकिन servo motor में rotor shaft के साथ ही एक reduction gear लगा होता है जिसकी वजह से इस motor का starting torque बाकी motors की तुलना में बहुत ज्यादा होता है|

Controller:- इस motor को control करने के लिए एक controller इस्तेमाल किया जाता है जो dc servo motors में microcontroller या arduino हो सकता है और ac servo motor में servo drive होती है| ac servo motor का operating voltage उस motor के manufacturer के ऊपर निर्भर करता है की motor की company कैसी  है, जैसे की fanuc का control system 3 phase 220V पर काम करता है इसमें एक PSM (Power Supply Module) लगा होता है जोकि 3 phase ac supply को 280V के आस पास dc supply में बदलकर servo drive को देता है और फिर servo drive इस dc supply को 3 phase ac supply में बदलकर servo motor को U V W देती है| नीचे  image में fanuc की servo drive को servo motor के साथ connect करके दिखाया गया है|
Servo Motor - Working, Construction, Types, Uses and Controller in Hindi. Servo and Servo Mechanism
Servo Motor with Controller (Servo Drive)


Encoder/Potentiometer:- servo motor में सबसे महत्पूर्ण काम करता है इसका encoder या potentiometer जोकि feedback के लिए इस्तेमाल किया जाता है| dc servo motor में potentiometer और ac servo motor में encoder इस्तेमाल किया जाता है, ac servo motor में encoder motor की rpm, motor का temperature, over torque जैसी जानकारी drive को encoder wire की मदद से feedback देता है| नीचे दी गई image में आपको servo motor के साथ encoder लगा हुआ  दिखाया गया है, इस image में जहां पर specification लिखी हुई  है वो encoder ही है जिसमें उसका model number और serial number जैसी और भी कई जानकारी लिखी गयी है|       

Servo Motor - Working, Construction, Types, Uses and Controller in Hindi. Servo and Servo Mechanism
Encoder for Servo Motor

Servo Motor कैसे काम करती है ?

Servo motor, servo mechanism पर काम करती है जैसा की हम ऊपर servo motor के सभी पार्ट्स के बारे में जान चुके है और हमको पता लग चुका  है की servo motor एक closed loop control system या feedback system पर काम करता है, जब हम servo motor के controller को servo motor को चालू करने की command देते हैं  तो controller उस command को चेक करके motor को supply के साथ जोड़ देता है और motor चालू हो जाती है, motor के rotor के साथ ही एक reduction gear box लगा होता है ये motor के अंदर ही होता है हमको बाहर से नही दिखता | gear box का काम motor का starting torque high करना होता है, gear box की shaft के साथ ही encoder भी लगा होता है जो motor की RPM का feedback controller को देता है जिसकी वजह से motor उतनी ही RPM पर चलती है जितना की controller को command दी जाती है या सिर्फ उसी angle पर rotate करती है जिस angle की command controller को दी जाती है| ,नीचे दिए गए closed loop control system के block diagram को ध्यान से देखिए-
Servo Motor - Working, Construction, Types, Uses and Controller in Hindi. Servo and Servo Mechanism
Closed Loop Control System for Servo Motor


हम उम्मीद करते हैं  की आपको ये पोस्ट पढने के बाद servo motor के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी फिर भी अगर आपके इस topic से related कोई doubt है तो आप नीचे  comment box में लिख सकते हैं  हम कोशिश  करेंगे की आपके सभी doubt clear करें या आप विडियो के माध्यम से भी इस topic को समझ सकते है आपको  विडियो   पोस्ट के आखिरी  में मिल जाएंगी| 

Servo Motor - Working, Construction, Types, Uses and Controller in Hindi. Servo and Servo Mechanism Servo Motor - Working, Construction, Types, Uses and Controller in Hindi. Servo and Servo Mechanism Reviewed by Joshi Brothers on नवंबर 11, 2019 Rating: 5

Voltage Stabilizer in Hindi, Voltage Stabilizer Working Connection and Repair in Hindi

नवंबर 07, 2018
Voltage Stabilizer in Hindi, Voltage Stabilizer Working, Connection and Repair in Hindi
इस पोस्ट में हम Voltage Stabilizer के बारे में बता रहे है, इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको Voltage Stabilizer के Working Principle, Connection and Repair करना आ जाएगा| Voltage Stabilizer को हम voltage को step up और step down करने के लिए इस्तेमाल करते हैं , तो चलिए जानते है की Voltage Stabilizer कैसे काम करता है और इसके connection कैसे किए जाते है अगर आप हमारी सभी latest पोस्ट का update पाना चाहते हैं , तो आप हमें  Instagram पर Follow कर सकते है, क्योकि हम  सभी latest पोस्ट  Instagram पर update करते रहते हैं  |

Voltage Stabilizer in Hindi, Voltage Stabilizer Working Connection and Repair in Hindi
Auto Transformer 


वोल्टेज स्टेबलाइजर की बनावट (Construction of Voltage Stabilizer)

अगर हम बात करें Voltage Stabilizer में इस्तेमाल होने वाले पार्ट्स की तो इसमें एक Auto Transformer, 8 Step Rotary Switch, Volt Meter, 9 - 0 - 9 Transformer, 18 DC Relay, 2 Indicating Lamp, PCB Board with DC Circuit, 6A Switch, 6A Socket की जरूरत होती है| एक Voltage Stabilizer में सबसे मुख्य काम auto transformer का होता है, auto transformer ही Voltage Stabilizer में voltage को step up और step down करता है| auto transformer में सिर्फ primary winding होती है और secondary winding को primary winding से ही tapping करके बनाया जाता है| auto transformer से निकलने वाली tapping wire को rotary switch से जोड़ा जाता है और इस rotary switch की output को 6A के socket से जोड़ दिया जाता है| rotary switch के output side एक volt meter लगाया जाता है, ताकि output voltage को measure किया जा सके| Voltage Stabilizer की input को relay के NC से होते हुए  auto transformer को दिया जाता है और auto transformer की output से 9 0 9 के transformer को supply दी जाती है और इस transformer की output को dc में बदल कर relay coil को दिया जाता है| PCB Board में एक transistor भी लगा होता है जिसका काम यहाँ पर switching करना होता है| इस circuit में ये जैसे ही auto transformer की output voltage high होती है तो operate हो जाती है और relay को supply दे देती है जिसकी वजह relay का NC terminal NO बन जाता है और Voltage Stabilizer off हो जाता है| Voltage Stabilizer के off होने के बाद rotary switch से इसकी output voltage को कम कर दिया जातां है फिर ये normal पहले की तरह काम करने लग जाता है|

वोल्टेज स्टेबलाइजर कैसे काम करता है ? (Voltage Stabilizer Working Principle)

 जैसा की हमने ऊपर आपको बताया कि Voltage Stabilizer को हम voltage को step up करने या फिर step down करने के लिए इस्तेमाल करते है, auto transformer एक नार्मल transformer की तरह की काम करता है, इस transformer में सिर्फ इतना फर्क  है की इसमें सिर्फ primary winding होती है और secondary को primary winding से ही tapping करके बनाया जाता है| इसमें लगे rotary switch से transformer की tapping wire जोड़ी जाती है| rotary switch  से ही output भी निकाली जाती है|



अगर आप Voltage Stabilizer के बारे में practically वीडियो देखना चाहते हैं  तो आप youtube पर हमारे चैनल Learn EEE पर देख सकते हैं , जहाँ पर हमने Voltage Stabilizer के बारे में detail में बताया है और Voltage Stabilizer की working principle और connection के बारे में भी बताया है|

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Basic Electrical and Electronics Engineering के लिए आप इस book को ले सकते है जो की हिन्दी में हैं|





Voltage Stabilizer in Hindi, Voltage Stabilizer Working Connection and Repair in Hindi Voltage Stabilizer in Hindi, Voltage Stabilizer Working Connection and Repair in Hindi Reviewed by Joshi Brothers on नवंबर 07, 2018 Rating: 5

Why dc supply used in Sub Station in Hindi, Battery bank in Sub Station hindi. Full Explain

अगस्त 29, 2018
Why dc supply used in Sub Station in Hindi, Battery bank in Sub Station hindi. क्या आपको पता है की जो हमारे Sub Station होते है उनमे हम Controlling के लिए DC Supply का इस्तेमाल करते हैं| किसी भी Machine के Electrical Panel की वायरिंग करते समय भी यही ध्यान में रखा जाता है की जहां तक हो सके Controlling में DC Supply का इस्तेमाल किया जा सके| लेकिन ऐसा क्यों किया जाता है ? जब हमारे पास AC Supply होती है तो भी हम DC Supply को क्यों इस्तेमाल करते है ? इस पोस्ट में आपको यही जानने को मिलेगा, तो आप इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें ताकि आप कुछ भी मिस ना कर दें| अगर आप हमारी सभी latest पोस्ट का update पाना चाहते हैं , तो आप हमको Instagram पर Follow कर सकते हैं , क्योकि सभी latest पोस्ट हम Instagram पर update करते रहते हैं  |

Why dc supply used in Sub Station in Hindi
DC Supply in Sub Station

AC and DC Supply in Controlling


अगर अभी आप किसी कंपनी में नौकरी  कर रहे हैं  तो आपको अच्छे से पता होगा की हम किसी भी मशीन की controlling के लिए AC और DC दोनो Supply को इस्तेमाल करते हैं , कही पर AC इस्तेमाल की जाती है तो फिर किसी पैनल में DC को इस्तेमाल किया जाता है| अब सवाल ये उठना चाहिए की जब हमारे पास AC Supply पहले से ही होती है, तो फिर हमको DC Supply की जरुरत क्यों पड़ती है ? किसी भी Sub Station, Distribution Station या फिर किसी Machine के Control में Control Wiring करने का सबसे बड़ा कारण होता है Safety, क्योकि Control wiring की तारें पूरी मशीन में हर जगह जाती है, अगर गलती से भी कोई wire मशीन की बॉडी के साथ टच हो गया तो इससे मशीन के ऑपरेटर को तो करंट लगेगा ही साथ के साथ हमारी मशीन के खराब होने के चांसेस बाद जाते है| हमेशा कोशिश  यही रहती है की किसी भी मशीन की control wiring DC में की जाए ताकि Accident की संभावना  को कम किया जा सके|


DC Supply in Sub Station


आपको शायद  पता ना हो की Sub Station के अंदर Battery Bank रखे जाते हैं  जिनकी मदद से किसी भी Circuit Breaker को ON या OFF किया जाता है| अब सवाल ये पैदा होना चाहिए की AC सप्लाई के होते हुए  भी हम DC Supply को क्यों इस्तेमाल करते हैं  ? Battery bank के लिए बहुत सारी बैटरी लगाई जाती है तो फिर इन बैटरी  की जरुरत क्यों पड़ती है ? Sub Station में DC Supply इस्तेमाल करने का मुख्य कारण होता है की जब भी हमको Sub Station में किसी भी मशीन की supply off करनी हो तो आसानी से कर सकें और अगर कभी किसी फाल्ट या maintenance की वजह से पूरे sub station की supply off कर दी जाए तो हमारे पास backup में पावर होनी चाहिए जिससे की हम अपने Circuit breakers को operate कर सकें| दूसरा सबसे बड़ा कारण जैसा की हमने आपको पहले ही बताया था की safety होती है, हम हमेशा यही चाहते हैं  की हम मशीन और ऑपरेटर दोनों को भी सेफ्टी प्रदान करवा सकें इसलिए हम Sub Station और लगभग अपनी सभी मशीनों में Controlling के लिए DC Supply  को इस्तेमाल करने की कोशिश  करते है |

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Why dc supply used in Sub Station in Hindi, Battery bank in Sub Station hindi. Full Explain Why dc supply used in Sub Station in Hindi, Battery bank in Sub Station hindi. Full Explain Reviewed by Joshi Brothers on अगस्त 29, 2018 Rating: 5

Difference between Neutral Wire and Earthing Wire in hindi. Full Detail about Neutral and Earthing

अगस्त 25, 2018
Neutral Wire and Earthing Wire के बीच का अंतर . Neutral and Earthing की जानकारी . क्या आपने कभी सोचा है की  Neutral Wire और Earth Wire के बीच क्या अन्तर है| Difference between Neutral and Earthing Wire ये Question Interview में अक्सर पूछा जाता है, तो चलिए जान लेते हैं की  इन दोनों Wire के बीच क्या अन्तर है और इनके Connection कहाँ और क्यों किए जाते है ? अगर आप हमारी सभी latest पोस्ट का update पाना चाहते हैं , तो आप हमें Instagram पर Follow कर सकते हैं , क्योकि सभी latest पोस्ट हम Instagram पर update करते रहते हैं  |

Difference between Neutral Wire and Earthing Wire in hindi
Neutral and Earthing

Two Wire, Three Wire and Four Wire System


आपने देखा होगा की  जो हमारे घरों मे  Appliances लगे होते हैं , उनकी Supply Wire या तो Two core की होती है या फिर Three core की होती है। जो wire two core की होती है वो Neutral और phase के लिए बनाई जाती है, लेकिन Electric Iron, Heater और वो सभी Appliances जिनकी Body Metal की बनी होती है उन सभी Appliances के लिए Three core की wire का इस्तेमाल किया जाता है। three core की wire को इस्तेमाल करने का मुख्य कारण होता है हमारी  safety, मतलब की three core की wire में दो wire phase और neutral के होते हैं  लेकिन तीसरी wire Earthing के लिए इस्तेमाल की जाती है। किस wire को कहाँ पर जोड़ना है ये हम इनके Color Code से पहचान सकते है, जैसे कि Red or Brown wire को हम Phase supply के लिए इस्तेमाल करते हैं , Black Wire को हम Neutral के लिए इस्तेमाल करते हैं  और Green wire को हम हमेशा Earthing के लिए इस्तेमाल करते हैं । ये तो हुई बात Three core wire की, लेकिन अगर हम किसी Company की बात करें तो Company में Three Phase System चलता है यहाँ ज्यादातर Machines Three Phase पर चलती है, इसलिए यहां Four Core की Cable को इस्तेमाल किया जाता है। इन चारों wire के connection हम इनके color code से कर सकते हैं  जैसे कि Red wire को R से, Yellow wire को Y से और Blue wire को B से जोड़ा जाता है, क्योकि three phase supply में तीनों phase R, Y और B होते हैं । अब बची तीसरी wire तो इसको Neutral के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

Why use Neutral Wire (न्यूट्रल वायर को क्यों इस्तेमाल किया जाता है?)


Single Phase पर किसी भी Appliances को चालू करने के लिए neutral or phase दोनों wire का सही से जुड़े होना जरूरी होता है, क्योकि Neutral wire ही single phase में circuit को पूरा करता है। जैसा कि आपको पता होगा कि D.C में current, positive से negative की तरफ flow होता है इसी प्रकार A.C में भी current phase wire से neutral wire को तरफ flow होता है, अगर कही बीच से neutral टूट जाए या किसी अन्य वजह से circuit पूरा नही हुआ तो हमारा load चालू नही होगा तो हम कह सकते हैं  कि Neutral Wire Circuit को पूरा करता है।

Why use Earthing Wire (अर्थिंग वायर क्यों इस्तेमाल की जाती है?)

Why use Earthing in Hindi
Earthing


Earthing जिसको हम Grounding भी बोलते हैं , इसको इस्तेमाल करने का बस एक ही कारण होता है और वो है Safety. किसी भी Machine या हमारे घरों के Appliances जिनकी body metal की बनी हो, उनकी body को Earthing Wire से जरूर जोड़ा जाता है। इसका मुख्य कारण यह है कि अगर machine में किसी वजह से phase wire machine की body से touch हो जाए तो इस condition में किसी भी तरह से sock लगने का खतरा ना बने। machine की body को earth करने के ये leakage current, earthing wire की मदद से ground हो जाता है और human body को किसी भी खतरे से बचाता है। Earth Wire को ही Ground Wire भी बोला जाता है जैसे कि Earthing और Grounding एक ही है।

अगर आप इस topic के बारे में ज्यादा detail में जानना चाहते हैं  तो आप Wikipedia पर भी पढ़ सकते हैं ।

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Difference between Neutral Wire and Earthing Wire in hindi. Full Detail about Neutral and Earthing Difference between Neutral Wire and Earthing Wire in hindi. Full Detail about Neutral and Earthing Reviewed by Joshi Brothers on अगस्त 25, 2018 Rating: 5

How does an inverter work in hindi? Inverter Working fully explain.

अगस्त 22, 2018
इंवर्टर कैसे कार्य करता है ? Inverter Working आज के समय में लगभग हर किसी के घरों में आपको Inverter मिल जाएगा| Inverter एक ऐसी Machine है, जिसको इस्तेमाल करने से हमको Electrical Energy में Backup मिल जाता है, और Inverter व् Battery की मदद से हमको 24 घंटे बिजली की सुविधा मिल जाती है| अगर आप हमारी सभी latest पोस्ट का update पाना चाहते है, तो आप हमें  Instagram पर Follow कर सकते हैं , क्योकि सभी latest पोस्ट हम Instagram पर update करते रहते हैं  |

Inverter Working in hindi
Inverter

Inverter Working


Inverter एक ऐसी machine है जो D.C Energy को A.C Energy में बदलता है और A.C Supply को DC में बदलता है। Inverter इस्तेमाल करने का मुख्य कारण A.C Supply को D.C Supply में बदलना होता है। D.C Supply को A.C Supply ने बदलने के लिए Electronics Circuit का इस्तेमाल किया जाता है या फिर आजकल IGBT Base वाले Inverter Market में आ रहे है। इन Inverter में IGBT D.C Supply को A.C Supply में बदलने का काम करता है। जैसे कि हम सब जानते है कि D.C Supply ने Frequency Zero होती है और A.C Supply के लिए भारत में Frequency 50Hz है। Battery, Solar Panel या फिर किसी अन्य Source से मिलने वाली D.C Supply की Frequency IGBT की मदद से Zero से 50Hz की जाती है। Frequency 50Hz का मतलब है कि, मान लीजिए 12V DC Supply की 2 IGBT की मदद से Switching कराई जाती है और ये IGBT 1 second में 50 बार ON और OFF होते है जिसकी मदद से ये 12V D.C Supply, 12V A.C Supply में बदल जाती है। इस बदली हुई  12V AC Supply को Step Up Transformer की मदद से बड़ाया जाता है और फिर इस Supply को इस्तेमाल में लाया जाता है। इस प्रकार एक Inverter काम करता है और Inverter को Automatic बनाने के लिए उसमे कुछ Relay भी इस्तेमाल की जाती है, जैसा की आपने अपने घरों में देखा होगा जैसे ही AC Supply जाती है तो तुरंत Inverter ON हो जाता है और हमको Continue Supply मिलती रहती है। अब बात आती है A.C को DC में बदलने की तो इसके लिए Inverter में Rectifier लगे होते है। Battery Charge करने के लिए हमको 12V DC Supply की आवश्यकता होती है जोकि Inverter की मदद से किया जाता है। Inverter में एक Step Down Transformer लगा होता है जो सबसे पहले 220V AC को 12V AC में बदलता है उसके बाद Rectifier इस 12V AC को DC में बदलते है। Rectifier से DC बनने के बाद इस DC Supply को Capacitors की मदद से Pure DC Supply में बदला जाता है और फिर उसके बाद इस Voltage से Battery Charge की जाती है।

Why Inverter Important. (Inverter क्यों जरूरी है ?)


आज के समय मे अगर हम अपने घरों के Light और Fan जैसे Load को Solar Panel लगा कर Solar से जोड़ दे तो हम अपने घर का लगभग 75℅ बिजली का बिल बचा सकते हैं , इसके लिए हमको solar plate लगानी होती है। Inverter लगभग हम सभी के घरों में होते हैं  सोचिए अगर हम उस Inverter के साथ Solar Panel भी लगा ले तो हम कितनी बिजली बचा सकते है। Solar Panel Output में D.C Voltage देता है हम इस Voltage से अपनी Battery Charge कर सकते है और फिर उस Voltage को AC में बदलकर use में ले सकते हैं । 100W के Solar Panel की कीमत लगभग 4000 रुपए होती है। आप अपने घरों में Inverter, Battery के साथ - साथ Solar Panel भी लगा सकते हैं  इससे आपको 24 घण्टे Power तो मिलेगी ही साथ के साथ आपके घर का लगभग 75% बिजली का बिल भी बच सकता है।

अगर आप Inverter के बारे में ज्यादा डिटेल में जानना चाहते हैं  तो आप Wikipedia पर भी पढ़ सकते हैं ।

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Neutral Wire in Our Home. HINDI Neutral Wire in Sub-Station

अगस्त 17, 2018
Neutral Wire in Our Home. कभी आपने सोचा है की जो Neutral Wire हमारे घरों तक आता है वो कहाँ से आता हैं ? ये सवाल अक्सर Interview में पूछ लिया जाता है की जो Neutral Wire हमारे घरों तक आता है वो Wire कहाँ से आता है | इस पोस्ट में आपको इस सवाल का जवाब मिल जाएगा और ये टॉपिक आपका बहुत अच्छे से क्लियर भी हो जाएगा | अगर आप हमारी सभी latest पोस्ट का update पाना चाहते हैं, तो आप हमें  Instagram पर Follow कर सकते हैं , क्योकि सभी latest पोस्ट हम Instagram पर update करते रहते हैं  |

Neutral Wire in sub stations
Neutral Wire

Electrical Transmission 

Electricity को Generate करने के बाद हमको इस वोल्टेज को Step up करके ट्रांस्मिट करना पड़ता है|, क्योकि हम Electricity 11KV में Generate करते हैं| अक्सर हमको लगता है की हम Neutral Wire को भी ट्रांस्मिट करते होंगे लेकिन ऐसा नहीं है| हम A.C THREE PHASE SUPPLY, R Y और B को ही ट्रांसमिट करते है| Neutral Wire को ट्रांस्मिट ना करने का मुख्य कारण यह है कि हम पहले से ही Three Phase System को ट्रांस्मिट करते हैं  और अगर Neutral Wire को भी ट्रांस्मिट करना पड़ जाए तो एक Wire की Cost बड़ जाएगी इसलिए हम Neutral Wire को ट्रांस्मिट नही करते, इससे हमारी Transmission cost बड़ जाएगी और Neutral Wire को ट्रांसमिट करने की जरूरत भी नही होती।

Electrical Distribution

Electrical Transmission की तो हमने बात कर ली और ये भी जान लिया कि हम Neutral Wire को ट्रांस्मिट नही करते तो क्या हम Neutral Wire को Distribute करते है ? जी नही हम Neutral Wire को Distribute भी नही करते। जब Three Phase R, Y और B ट्रांस्मिट किया जाता है तो Sub station में Transformer लगे होते हैं  जो उस High Voltage को Step Down करते हैं  और फिर वह  Voltage Costumer को दी जाती है। लेकिन Sub-Station से भी Distribution के लिए सिर्फ तीन Wire ही आती हैं  Neutral Wire वहाँ से भी नही आता।


Neutral Wire

आपके घरों के आस पास कोई ना कोई Transformer जरूर लगा होगा, अगर वो Transformer कभी खराब हो जाता होगा तो आपकी घर की बिजली भी चली जाती होगी।
Delta Star Connection Transformer
Delta - Star Connection


आपके घरों में जो Neutral Wire आ रही है वो Wire उसी Transformer से आ रही है। होता ये है कि हम सिर्फ तीन wire को ही एक जगह से दूसरी जगह लेकर जाते है और जब हमको Customer को supply देनी होती है तो उस समय हम कुछ customer के लिए एक Transformer लगा देते है। आपने Transformer में Delta - Star Connection के बारे में जरूर पढ़ा होगा। Transformer में भी Primary side Delta Winding और Secondary side Star Winding की जाती है। Secondary side Star Winding करने का मुख्य कारण यह होता है की  Star Winding से हमको Neutral Wire मिल जाती है, तो इस प्रकार से हमको Neutral Wire मिल जाती है। अगर हम इसी Neutral Wire को Generating Station से लेकर आते तो सोचिए की  एक Wire की Cost बिना वजह बड़ जाती।



अगर आप इस टॉपिक के बारे में ज्यादा डिटेल में जानना चाहते हैं  तो आप Wikipedia पर पढ़ सकते हैं  |
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