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थर्मोकपल: एक विस्तृत जानकारी (Thermocouple: A Comprehensive Guide)

मई 23, 2023

thermocouple in hindi
Thermocouple in Hindi

Thermocouple एक तरह का temperature sensor होता है जो दो अलग अलग किस्म के मैटेलिक कंडक्टर से बना होता है, ये दो कंडक्टर जंक्शन को temperature के हिसाब से measure करके temperature को कैलकुलेट करता है।

Thermocouple काम करने के लिए, एक जंक्शन हॉट जंक्शन कहते हैं, जहां पर दो अलग अलग मेटल की ends को कनेक्ट किया जाता है और दूसरा जंक्शन कोल्ड जंक्शन होता है जहां पर thermocouple का temperature को मापा जाता है, temperature के। चेंज हॉट जंक्शन के मेटल के कंडक्टिविटी में बदलाव लाता है और इससे इलेक्ट्रिक पोटेंशियल जेनरेट होता है, जो कोल्ड जंक्शन तक ट्रैवल करता है और इसके  रीडिंग तापमान को इंडिकेट करता है।

Thermocouple बहुत ही reliable or durable होते हैं और बहुत से एप्लीकेशन में उसे किये जाते हैं, जैसे कि heating और cooling start, automobile, और industrial process monitoring.

thermocouple working in hindi
Thermocouple Working in Hindi

Working of Thermocouple (Thermocouple के कार्य)

Thermocouple एक ऐसा temperature sensor है जो temperature को मापने के लिए प्रयोग में लाया जाता है, ये sensor दो अलग अलग किस्म के मेटल वायर से बना होता है, जिन्हें 'legs' कहा जाता है। जब इन दोनों 'legs' को आपस में जोड़ दिया जाता है तो एक जंक्शन बनता है, अगर दोनो 'legs' का temperature अलग अलग होता है तो इस जंक्शन में एक voltage generator होता है, जो thermocouple के temperature से सम्बन्धित होता है।
ये वोल्टेज thermoelectric effect के कारण जेनरेट होता है, जो कहता है, जब दो अलग अलग किस्म के मेटल की तरह के वायर को आपस में जोड़ा जाता है, तो अगर दोनो वायर का temperature अलग अलग होता है तो दोनो वायर में एक potential difference create होते हैं। इस वोल्टेज को thermocouple से readout सिस्टम में एम्प्लीफाई किया जाता है, जिसमें ये वोल्टेज temperature की मेजरमेंट के लिए प्रयोग किया जाता है।
Thermocouple के अलग अलग किस्म के मेटल वायर का selection temperature range और एक्यूरेसी पर निर्भर करता है, जैसे। की टाइप के thermocouple में क्रोमेल (एनआईसीआर) और एलुमेल (एनआईऐएल) मेटल का प्रयोग किया जाता है और ये 200°C से लेकर 1372° C तक के temperature को मेजर कर सकता है।
types of thermocouple in hindi
Types of Thermocouple in Hindi

Types of Thermocouple (Thermocouple के प्रकार)

Thermocouple के कई प्रकार हैं:-
  • K-type thermocouple:- ये सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाला thermocouple है, इसका temperature range -200°C se 1350°C तक होता है।
  • J- type thermocouple:- ये भी एक common thermocouple है, जिसका temperature range 210°C  से 1200°C तक होता है।
  • T-type thermocouple:- इसका temperature range - 200°C  से 370°C तक होता है, ये thermocouple low तापमान application के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
  • E- Type thermocouple:- इसका temperature range 270°C से 1000°C तक होता है, ये thermocouple low to moderate तापमान application के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
  • N- Types thermocouple:- इसका temperature range - 270°C se 1300°C तक होता है, ये thermocouple High तामपान application के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
  • S- Type thermocouple:- इसका temperature range 50°C से 1750°C तक होता है, ये thermocouple High temperature application के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
  • R-Type thermocouple:- इसका प्रयोग रेंज  50°C se 1750°C तक होता है, ये thermocouple High temperature application के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
इनमें से किस प्रकार का thermocouple इस्तेमाल करना है, उसका चुनाव आपका जरूरत के अनुसार किया जाता है।


Advantages and Disadvantages of Thermocouple (Thermocouple के फायदे और नुकसान)


Thermocouple के बहुत सारे फायदे होते हैं -
  • Wide Temperature Range- Thermocouple High temperature range के लिए काफी उपयोगी होते हैं, जोकि -200°C से लेकर 2000°C तक हो सकते हैं।
  • Fast Response Time:- Thermocouple बहुत ही फास्ट रिस्पॉन्स टाइम के साथ काम करते हैं, जिसमें से कुछ माइक्रोसेकंड्स तक का रिस्पॉन्स टाइम भी हो सकता है।
  • Durable और Rugged:- thermocouple मैकेनिकल shocks, vibrations, और हाई प्रेशर को easily सहन कर सकते हैं, इसलिए ये durable और rugged होते हैं।
  • Small and Compact:- thermocouple का साइज छोटा औरकॉम्पैक्ट होता है, जिससे की ये आसानी से फिट हो जाते हैं और उन्हें इंस्टॉल करना काफी आसान होता है।
  • Wide Rage of Application:- thermocouples के वाइड temperature range की वजह से इन्हें बहुत सारे एप्लीकेशन में प्रयोग किया जाता है, जैसे कि industrial process, Automotive, Aerospace, Medical Equipment और Library Experiments।
  • Easy to use:- Thermocouple बहुत ही सिंपल और easy to use होते हैं,और इन्हें calibrate करना भी बहुत easy होता है, इसलिए इन्हें वाइड रेंज ऑफ एप्लीकेशन में प्रयोग किया जाता है।

Thermocouple एक प्रकार का temperature range है जो दो अलग अलग खातों के संयोग से temperature का अनुमान लगाता है। Thermocouple के कुछ नुकसान नीचे दिए गए हैं:-

  • Accuracy:- thermocouple के बहुत से प्रकार होते हैं, जिनमें से कुछ का accuracy काफी हद तक कम होता है, इसलिए  आपको अपने उपयोग के अनुसार सही प्रकार का thermocouple चुनना चाहिए।
  • Temperature Range:- हर एक thermocouple के लिए एक निश्चित temperature range होता है, जिनके बाहर उनका उपयोग करने से उनकी performance में गिरावट होती है।
  • Response time:- Thermocouple का रिस्पॉन्स टाइम भी उसके प्रकार पर निर्भर करता है, कुछ thermocouple बहुत तेज होते हैं, लेकिन कुछ की प्रतिक्रिया धीमी होती है।
  • Environmental Effect:-  Thermocouples के उपयोग को प्रभावित करने वाले अनेक प्रकार के पर्यावरणीय effect होते हैं जेसे कि electromagnetic interference (EMI),moisture, dust, और। केमिकल इन सभी फैक्टर से thermocouple के अनुसार होने वाले नुकसान को रोका जा सकता है।
  • Lifespan:- Thermocouple की लाइफस्पैन उसके डिजाइन उपयोग के तरीके और उपयोग की स्थिति पर निर्भर करता है, जब आप उनका उपयोग करते हैं, तब आपको उन्हें सुरक्षित रखना होगा, ताकि उनकी lifespan लंबे समय तक रहे।
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What is an Resistance Temperature Detector (RTD) in Hindi

मई 13, 2023

Resistance Temperature Detector (RTD) in Hindi
Resistance Temperature Detector (RTD)

RTD (Resistance Temperature Detector) एक Electronics Sensor है जो Temperature को मापने के लिए प्रयोग किया जाता है. RTD ohm's laws के सिद्धांत पर काम करता है। जो एक conductor में current फ्लो करने पर उसमें वोल्टेज drop करता है। जब एक RTD में करंट फ्लो होता है तो उसमें हीट जेनरेट होती है, और उसके Temperature के साथ resistance भी बदल जाती है ।

RTD एक वायर से बना होता है जिसका material platinum, nickel और copper हो सकता है। Platinum सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाने वाला RTD material है। क्यूंकि ये बहुत ही एक्यूरेट है और temperature range बहुत वाइड है।

RTD का आउटपुट resistance के change से मापा जाता है, एक RTD ka resistance तापमान के साथ linearly बदलता है, अगर temperature बड़ेगा तो resistance भी बड़ेगा, और अगर temperature घटेगा तो resistance भी घटेगा। RTD का resistance बहुत ही sensitive होता है, इसलिए बहुत ही एक्यूरेट तापमान मापने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है ।

Resistance Temperature Detector (RTD) in Hindi
RTD in Hindi

Types of RTD (RTD कितने प्रकार के होते हैं ?)

RTD ( Resistance Temperature Detector) कई प्रकार के होते हैं,  जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:-
  • Platinum RTD- इस प्रकार के RTD में प्लेटिनम का उपयोग होता है, ये सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले RTD's में  से एक है और इसकी एक्यूरेसी बहुत अधिक होती है।
  • Copper RTD- कॉपर RTD में कॉपर का उपयोग होता है, ये प्लेटिनम RTD के मुकाबले कम एक्यूरेट होते हैं, लेकिन इसकी कीमत भी कम होती है।
  • Nickle RTD- इस प्रकार के RTD में Nickle का उपयोग होता है, ये प्लेटिनम RTD के मुकाबले सस्ती होती है, लेकिन इसकी accuracy भी कम होती है।
  • Thermistor RTD - इस प्रकार की RTD में thermistor का उपयोग होता है जो सेमीकंडक्टर मैटेरियल से बना होता है, ये सबसे सस्ते RTD's में से एक है, लेकिन इसकी एक्यूरेसी भी कम होती है।
ये कुछ प्रमुख RTD के प्रकार  हैं, लेकिन अन्य RTD's भी होती हैं जैसे:- गोल्ड, सिल्वर, और lead's RTD's जो अलग अलग उपयोग के लिए बनाए जाते हैं।

RTD in Hindi
RTD Connection in Hindi

RTD Advantages & Disadvantages (RTD के फायदे और नुकसान)

RTD (Resistance Temperature Detector) एक ऐसा सेंसर है जो तापमान के change को electrical signal में बदलता है। इसका इस्तेमाल तापमान मापने के लिए किया जाता है। RTD के लगाने के फायदे और नुकसान नीचे दिए गए हैं।


Advantages

  • High Accuracy: RTD सेंसर बहुत ही एक्यूरेट होते हैं और उनका तापमान रीडिंग बहुत ही precise होती है, इसलिए इनका इस्तेमाल तापमान सेंसिटिव application में किया जाता है, जहां High Accuracy की आवश्यकता होती है।
  • Wide Temperature Rage - RTD सेंसर बहुत ही वाइड तापमान रेंज में काम करते हैं,typically - 200°C se 800°C  तक।
  • Linear Response: RTD सेंसर के रिस्पॉन्स लीनियर होता है, इसका मतलब ये है कि उनका आउटपुट बहुत ही predictable होता है और उनके रीडिंग के बीच लीनियर relationship होता है।
  • High Stability: RTD sensors बहुत स्टेबल होते हैं और उनका रिस्पॉन्स टाइम बहुत ही कम होता है।

Disadvantages

  • Cost :- RTD सेंसर thermocouple सेंसर से महंगी होते हैं, इसलिए इनका इस्तेमाल कॉस्ट -सेंसिटिव एप्लीकेशंस नहीं किया जाता है।
  • Current Limitation:-RTD सेंसर बहुत ही लो करेंट आउटपुट के साथ काम करते हैं। इसलिए उनके आउटपुट सिग्नल में एम्प्लीफायर की जरूरत होती है।
  • Fragility: RTD सेंसर बहुत ही fragile होते हैं और इन्हें रफ handling से बचाया जाना चाहिए, इनका mishandling उनके accuracy को affect कर सकता है।
  • Non-Linearity : अगर RTD सेंसर का मैटेरियल चेंज हो जाता है या फिर उनका डिजाइन डिफेक्टिव हो जाता है तो उनका आउटपुट नॉन- लीनियर हो सकता है।
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What is an Resistance Temperature Detector (RTD) in Hindi What is an Resistance Temperature Detector (RTD) in Hindi Reviewed by Jagdish on मई 13, 2023 Rating: 5

Future of Automation in India | Future in Automation| Hindi

अक्तूबर 22, 2021
नमस्कार दोस्तों, आपको Automation क्यों सीखना चाहिए या फिर भारत या बाकी देशों में Automation का क्या भविष्य हैं? ये सवाल अक्सर सभी Students के मन में होता हैं, और ये सवाल सबसे ज्यादा तब परेशान करता हैं जब College के आखिरी 6 महीने बचे होते हैं या फिर हम अपनी पहली नौकरी की तलास मे होते हैं |

future of automation in India
Future of automation in India

IFR यानि की International Federation of Robotics के अनुसान The World's Top Automated Countries (15 Country) में सबसे ऊपर आता हैं Singapore और सबसे नीचे हैं Belgium and Luxemburg देश, जहां Singapore में हर 10,000 Workers पर 918 Industrial Robots इस्तेमाल किए जाते हैं तो Belgium and Luxemburg में 149 Industrial Robots लेकिन इन top 15 Countries में भारत के साथ - साथ ज्यादातर एशियाई देश नहीं हैं जैसे नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि, तो इससे ये समझा जा सकता हैं की भारत के साथ - साथ ज़्यादातर सभी एशियाई देशों में Automation के ऊपर अभी भी बहुत काम होना बाकी हैं |

Automation in hindi
IFR (International Federation of Robotics)

ऑटोमेशन में भविष्य और स्कोप (Future and Scope in Automation)

future of automation in india
Future and Scope in Automation

World Economic Forum की एक रिपोर्ट के अनुसार Automation की वजह से हर 4 वर्कर्स मे से 1 की नौकरी खतरे में हैं, अब जहां Automation की वजह से लोगों की नौकरिया जा रही हैं वही बहुत सी नई नौकरिया पैदा भी हो रही हैं, जिनके पास PLC Programming, DCS, SCADA, AutoCAD, ePlan, Industrial Internet of Things (IIoT), Home Automation, Machine Learning इनमे से किसी की भी knowledge हैं तो ऐसे लोगो की डिमांड Industry को बहुत ज्यादा होती हैं| भारत में अभी हमारी Industries Automation की तरफ बड रही हैं और जैसे - जैसे Automation बड्ता जाएगा तो नए स्किल्ड वोर्करस की डिमांड भी बहुत ज्यादा बड़ जाएगी|
भारत में Automation का स्कोप बहुत ज्यादा हैं और ये आने वाले समय में बहुत तेजी से बडने वाला हैं, तो आप ये बोल सकते हैं की आने वाले समय में एक high salary job उसी को मिलने वाली हैं जिसके पास Automation से संबन्धित कोई skill होगा|

Automation में Carrier कैसे बनाए ?


हमारे Colleges के Syllabus में Automation से संबन्धित कुछ Chapter तो हैं लेकिन उतना नहीं की हमको उस knowledge की वजह से एक अच्छी जॉब मिल सके, आपको आज नहीं तो कल Automation को अपनाना ही पड़ेगा तो क्यू ना इस दिशा में आप आज से ही काम करना सुरू कर दें| अगर आप Electrical & Electronics Engineering के स्टूडेंट हैं या जॉब करते हैं या आप इलेक्ट्रिशियन हैं तो आपको PLC Programming, HMI Programming, Distributed Control System (DCS)Supervisory control and data acquisition (SCADA), AutoCAD Electrical, ePlan, Home Automation, Machine Learning, IIoT या Arduino इनमे से जो भी विषय आपको पसंद हो उसकी जानकारी लेनी सुरू करनी चाहिए|

future in automation
Future in Automation

आज के समय में Industries बहुत बड़े स्केल पर Industrial Robots का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि Production और Quality को बढ़ाया जा सके और labor cost कम की जा सकें, Industrial Robots में इस्तेमाल होने वाला सबसे महत्वपूर्ण डिवाइस होता हैं PLC (Programmable Logic Controller) और एक Robot में PLC बिलकुल वैसा ही हैं जैसे हमारे लिए हमारा दिमाक हैं|

आप Automation के जिस भी Sector में जाना चाहो उसके लिए आपको आज से ही काम सुरू कर देना चाहिए, आज के समय में बहुत से ऐसे माध्यम हैं जिनकी मदद से आप Automation से संबन्धित कुछ भी सीख सकते हो और सबसे बड़ा माध्यम हैं YouTube जहां आपको free में बहुत कुछ सीखने को मिलता हैं, लेकिन इसमे समय लगता हैं और YouTube पर आपको किसी भी विषय में एक Systematic तरीके से सीखने को नहीं मिलता और अगर आपको कोई doubt हो या कोई सवाल करना हो तो मुश्किल हो जाती हैं फिर दूसरा तरीका हैं की आप कोई Offline या Online कोर्स जॉइन कर सकते हैं, जहा आप अच्छे से सीख भी पाओगे और अपने doubts भी clear कर पाओगे|

Automation Online सीखना चाहिए या Offline?


Covid के आने के बाद भारत में Learning process पूरी तरीके से बदल गया हैं और सुरुवात में इस बदलाव को अपनाना Educators और Students दोनों के लिए मुसकिल था लेकिन अब सब आसान हो चुका हैं| Western Countries के लिए Online Learning पहले से ही आम बात थी लेकिन हमारे लिए ये सब नया था|

Automation course in hindi
Automation

Automation एक ऐसा विषय हैं जिसको आप 2 या 3 महीने के किसी Course को करके नहीं सीख सकते, इसके लिए आपको रेगुलर प्रैक्टिस करनी होगी| आप चाहे कोई Online Classes जॉइन करो या Offline Classes बस आपको ध्यान इतना देना चाहिए की आपका कोर्स खत्म होने के बाद भी अगर आपका कोई Doubt हो या अगर उस विषय से संबन्धित अगर आपको कुछ पुछना हो तो आप उनसे पूछ सको| अगर आपको Online या Offline कोई ऐसा कोर्स मिलता हैं जहां आप lifetime कभी भी अपने doubts clear कर सको तो इस टाइप के courses आपके लिए सबसे बढ़िया होंगे|

Automation में Learn EEE आपको PLC Programming और AutoCAD Electrical सीखने का मौका देता हैं, अगर आप Learn EEE का कोई भी कोर्स जॉइन करते हैं तो आपको सभी Courses की lifetime validity मिलती हैं और Learn EEE के सभी Courses के लिए अलग - अलग ग्रुप बने हैं जहां आप अपने doubts clear कर सकते हो और आप इन groups में भी lifetime तक रहते हो तो lifetime कभी भी आप अपने doubts clear कर सकते हो और आप अपने Doubts WhatsApp पर भी clear कर सकते हो| Learn EEE के Courses की जानकारी आपको नीचे दिए लिंक से मिल जाएगी या आप WhatsApp पर भी Courses की जानकारी ले सकते हैं|


तो दोस्तो हमको उम्मीद हैं की अब आपको पता लगा होगा भारत में Automation का क्या Scope हैं और कैसे आप Automation के Sector में अपना भविष्य बना सकते हो, फिर भी अगर आपका इस टॉपिक से संबन्धित कोई भी doubt हो या अगर आपको कुछ भी जानना हो तो क्रप्या हमको नीचे comment box में जरूर बताय, आपके सवालों के जवाब देने में हमको खुशी होगी|

अगर आप इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिकल ऑटोमेशन बिलकुल आसान भाषा हिंदी में सीखना चाहते हैं तो आप हमारा यूट्यूब चैनल Learn EEE को नीचे लाल रंग के सब्सक्राइब के बटन पर क्लिक करके सब्सक्राइब कर सकते हैं।
Future of Automation in India | Future in Automation| Hindi Future of Automation in India | Future in Automation| Hindi Reviewed by learn che on अक्तूबर 22, 2021 Rating: 5

Why should we learn AutoCAD Electrical |AutoCAD Electrical क्यों सीखना चाहिए|

अगस्त 14, 2021

नमस्कार दोस्तो! मैं हूँ जगदीश जोशी, अगर आप Electrician, Diploma या BE/B-tech के स्टूडेंट हैं या जॉब करते हैं तो आपको AutoCAD Electrical क्यों सीखना चाहिए? इस पोस्ट में आपके इस सवाल का आपको जवाब मिलेगा|

AutoCAD Electrical in Hindi
AutoCAD Electrical in Hindi

AutoCAD Electrical क्या हैं ?

AutoCAD Electrical एक Tool/Software है Autodesk का और Autodesk एक अमेरीकन कंपनी है जो Electrical, Electronics, Mechanical और Civil Architecture से संबन्धित Software बनाती है| AutoCAD Electrical Software की मदद से आप किसी भी तरह की Electrical Schematic Drawing या Electrical Panels को डिज़ाइन कर सकते हो, और जो panel आपने design किया होगा उसके लिए आप Bill of Materials Report, Components Report आदि भी Generate कर सकते हो|

AutoCAD Electrical Software में आपको हजारों Electrical & Electronic Symbols मिलते हैं जिनकी मदद से आप अपनी Drawing को बिल्कुल professional तरीके से बना सकते हो और उन सभी Symbols के footprints की मदद से आप Electrical Panel भी डिज़ाइन कर सकते हो| अगर आपको AutoCAD Electrical Software में किसी Component का Symbol नहीं मिलता है तो आप उस Component का Symbol खुद design करके Software में लिस्ट करवा सकते हो जिसको आप कभी भी अपनी drawing में इस्तेमाल कर सकते हो|

 AutoCAD Electrical क्यों सीखना चाहिए ?


AutoCAD Electrical Design
AutoCAD Electrical Design
अगर आप ITI Electrician, Electrical Diploma, BE/B-tech के विध्यार्थी हैं  या आप जॉब करते हैं तो आपको AutoCAD Electrical जरूर सीखना चाहिए क्यूंकि इस Software को सीखने से आप किसी भी तरह की Electrical Drawing और Electrical Panels को डिज़ाइन करना सीखते हो, आपको पता लगता है की जो Electrical drawing आप Industry में इस्तेमाल करने वाले हो या कर रहे हो वो कैसे बनती है और अगर आपको Electrical Drawing पढ़नी नही आती है तो आप Electrical Software को सीखने के बाद Electrical Drawing पढ़ना भी सीख जाते हो और हजारों Electrical & Electronics Symbols की भी आपको जानकारी हो जाती है, जिनका पता आपको आपकी किताबों से भी नहीं चलता, अगर आपको AutoCAD Electrical Software की अच्छे से जानकारी हो जाती  है तो आपको किसी भी Electrical Panels Manufacturing कंपनी में एक अच्छी ख़ासी जॉब मिल सकती हैं|

AutoCAD Electrical Softwa

re कैसे Download करें ?

AutoCAD Electrical Software को आप Autodesk की official website से download कर सकते हो, अगर आप जॉब करते हैं तो आपको ये AutoCAD Electrical Software 1 महीने के free trial के लिए मिलता है और उसके बाद अगर आप चाहें तो इसका paid license ले सकते हैं, अगर आप Student हैं तो AutoCAD Electrical Software का license आपको 1 साल के लिए free में मिल जाता है और अगर 1 साल के बाद भी आप eligible हुए तो आपके license का समय बड़ाया भी जा सकता है|


Autodesk हर साल AutoCAD Electrical Software का एक नया version निकालता है जैसे की AutoCAD Electrical 2020, AutoCAD Electrical 2021, AutoCAD Electrical 2022 और अभी latest AutoCAD Electrical 2023 Electrical 2024 है, आप AutoCAD Electrical Software के किसी भी version में सीख सकते हो या अगर आप चाहो तो अपने software को update भी कर सकते हो| AutoCAD Electrical Software को आप सिर्फ Laptop/Desktop पर ही इस्तेमाल कर सकते हो इसकी कोई Android App नहीं है|

मेरे पास Laptop/Desktop नहीं हैं, क्या मुझे AutoCAD Electrical सीखना चाहिए ?

AutoCAD Electrical Course in Hindi
AutoCAD Electrical in Hindi

ये सवाल बहुत से Students के मन में होता है किअगर मेरे पास laptop/desktop नहीं हैं तो क्या मुझे AutoCAD Electrical सीखना चाहिए या नहीं?आप AutoCAD Electrical के लिए Offline Institute जॉइन करते हैं और वहा सीखते हैं, लेकिन अगर आपके पास Laptop/Desktop नहीं हैं तो क्या आपने कभी सोचा हैं की Offline सीखने के बाद आप practice कैसे करोगे ? दो तरह के Students होते हैं, एक वो जो सच में सीखना चाहते हैं और उनके लिए knowledge ही सब कुछ हैं जो भविष्य में कभी ना कभी उनके काम आने वाली हैं और एक सही knowledge भविष्य में कभी ना कभी आपके काम जरूर आती हैं और दूसरे वो जिनको knowledge से कोई मतलब नहीं है उनको तो सिर्फ Certificate चाहिए ताकि वो अपने Resume में ज्यादा से ज्यादा Certificates दिखा सके जोकि उनके किसी काम नहीं आने वाला और इस बात की संभावना ज्यादा है कि  बिना knowledge के Certificates ऐसे बच्चों का नुकसान ही करेगी|

दोस्तों अगर आप सच में AutoCAD Electrical सीखना चाहते हैं और नई चीजें सीखना आपको अच्छा लगता है तो इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता की आपके पास Laptop/Desktop हैं या नहीं लेकिन ये इस बात पर निर्भर करेगा की आप AutoCAD Electrical कहाँ से सीख रहे हो? अगर आप किसी Offline Institute से इस कोर्स को सीख रहे हैं तब तो आपके पास Laptop/Desktop होना जरूरी है नहीं तो आपके कोर्स खत्म होने के बाद से लगभग 1 से 2 महीनों में ही आप सब भूल जाओगे और ये कोई Offline Institute वाला आपको नहीं बताएगा, लेकिन अगर आप कोई Online Course लेते हो तो ज्यादातर Online Courses lifetime Validity के होते हैं इसका मतलब है की वो कोर्स अब आपके पास Lifetime तक रहेगा तो जब आपका मन करे आप अपना Revision कर सकते हो और अगर आपको कोई ऐसा Online Course मिले जहां आपको lifetime course validity के साथ - साथ lifetime technical support भी मिलें, मतलब की आप lifetime कभी भी अपने doubts clear कर सको तो आपको ऐसे ही courses जॉइन करने चाहिए, ताकि भविष्य में आप कभी भी laptop/desktop लें तो आप practice कर सकें|

अगर आप भविष्य में सिर्फ Electrical Designer ही बनना चाहते हैं, जोकि सिर्फ 0.5 % लोग ही बन पाते हैं क्योकि इस सैक्टर में स्कोप ही इतना है तब तो आपके पास laptop/desktop होना ही चाहिए आप बिना laptop/desktop के offline या online कोई भी कोर्स जॉइन मत करो लेकिन अगर आप सिर्फ knowledge के लिए AutoCAD Electrical सीखना चाहते हैं ताकि आपको हजारो Electrical & Electronics Symbols, Schematic Drawing, Electrical Panels, Electrical Components, Electrical Drawing पढ़ना, Electrical Reports, Symbols कैसे design करते हैं आदि सीखना है तो जरूरी नहीं की आपके पास laptop/desktop होना ही चाहिए अगर नहीं भी हैं तो आपको फिर भी AutoCAD Electrical से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा|

AutoCAD Electrical कहाँ से सीखें ?

आप AutoCAD Electrical को offline या online कही से भी सीख सकते हैं, आजकल offline मार्केट में ऐसे बहुत से Institutes हैं जो सिर्फ 3 घंटों में या सिर्फ 2 दिन में AutoCAD Electrical सिखाने का वादा करते हैं, आपको ऐसे Institutes से बचना चाहिए ये एक ऐसा कोर्स है जो रेगुलर प्रैक्टिस मांगता है तो आपको कोई ऐसा Institute जॉइन करना चाहिए जो अच्छे से आपको समझाए और हो सके तो जिनसे आप कोर्स खत्म होने के बाद भी अपने doubts clear कर सको|

AutoCAD Electrical Software का online course इंग्लिश में तो आपको बहुत से मिल जाएंगे, लेकिन उन कोर्स को जॉइन करने के बाद अगर आपका कोई doubt होता है तो आप वहाँ अपने doubts clear नहीं कर सकते और अगर doubt clear भी होता हैं तो बहुत दिनों में जवाब मिलता हैं और AutoCAD Electrical Software के हिन्दी में बहुत ही कम course हैं|

AutoCAD Electrical Course in Hindi
AutoCAD Electrical Course in Hindi

अगर आप AutoCAD Electrical Software को बिल्कुल basic से advance तक सीखना चाहते हैं तो आप Learn EEE का AutoCAD Electrical का course जॉइन कर सकते हैं, Learn EEE के Android App में सभी courses के लिए अलग-अलग Groups बने हुए हैं जहां आप अपने doubts clear कर सकते हो, Android App में ही आप Direct Instructor को message करके अपना सवाल पूछ सकते हो और यहाँ आपको 20 मिनट के अंदर-अंदर सभी सवालों का जवाब मिल जाएगा और अगर आप चाहें तो WhatsApp पर भी अपने doubts clear कर सकते हैं और आप इस course को Android App या laptop/desktop पर access कर सकते हैं| Android App में आप अपने lectures को Download करके Offline भी देख सकते हैं|

Learn EEE के सभी courses की validity lifetime रहती हैं और आप इन groups में भी lifetime तक रहते हो, अगर आपका कोर्स खत्म भी हो जाता हैं तो आप lifetime कभी भी इन groups में या WhatsApp पर अपने doubts clear कर सकते हो बाकी AutoCAD Electrical Course in Hindi के बारें में ज्यादा जानकारी के लिए आप नीचे दिए लिंक पर क्लिक कर सकते हैं या फिर Learn EEE का Android App download कर सकते हैं| 


मुझे उम्मीद है की इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको पता लगा होगा की आपको AutoCAD Electrical क्यों सीखना चाहिए, फिर भी अगर आपका AutoCAD Electrical से संबन्धित कोई भी सवाल है तो हमें  Comment करके जरूर बताए आपकी मदद करने में हमें बहुत खुशी होगी |

अगर आप इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिकल ऑटोमेशन बिल्कुल आसान भाषा हिंदी में सीखना चाहते हैं तो आप हमारा यूट्यूब चैनल Learn EEE को नीचे लाल रंग के सब्सक्राइब  बटन पर क्लिक करके सब्सक्राइब कर सकते हैं।
Why should we learn AutoCAD Electrical |AutoCAD Electrical क्यों सीखना चाहिए| Why should we learn AutoCAD Electrical |AutoCAD Electrical क्यों सीखना चाहिए| Reviewed by learn che on अगस्त 14, 2021 Rating: 5

Relay Working, Construction and Connection in Hindi

सितंबर 08, 2019
इस पोस्ट में हम जानेंगे की 5V, 5 Pin DC Relay Working, Construction and Connection in Hindi, Relay Working and Connection कैसे करते हैं , हम उम्मीद करते हैं कि आपको ये पोस्ट पसंद आएगी और इस पोस्ट से आपको बहुत कुछ सीखने  को भी मिलेगा। अगर आप हमारी सभी latest पोस्ट का update पाना चाहते हैं , तो आप हमें  Instagram पर Follow कर सकते हैं , क्योकि हम  सभी latest पोस्ट  Instagram पर update करते रहते हैं  |

relay working and connection in hindi
Relay Working and Connection

What is Relay ?


Relay एक switching device है जिसको हम external voltage (5V DC, 12V DC, 24V DC, 110V AC, 220V AC या 440V AC) देकर control कर सकते हैं , किस relay को कितना controlling voltage देना है ये relay coil पर निर्भर  करता है और relay को control circuit में इस्तेमाल किया जाता है।  किसी भी relay मे हमें  दो चीजों की जरुरत होती है, पहला है NO (normally open)और दूसरा है NC (normally close), ताकि हम relay का इस्तेमाल अपने control circuit में कर सकें।

relay working principle construction and connection in hindi
Relay Working and Connection in Hindi

Relay Working Principle in Hindi

इस पोस्ट  में हम 5V, 5 Pin DC Relay की बात कर रहे हैं , अगर बात की जाए Relay के Working Principle की तो लभभग सभी Relay का Working Principle एक ही होता है। जैसे की हमने आपको ऊपर बताया की relay coil को control करने के लिए controlling voltage की जरुरत होती है, जैसे ही relay की coil को controlling voltage दी जाती है तो relay की coil में एक magnetic field बनता है, relay coil के साथ ही एक plunger या plate लगा होता है, जब relay coil में magnetic field बनता है तो ये plunger या plate coil की ओर आकर्षित होती है जिससे NO - NC बनता है और NC - NO बन जाता है। 

Relay Construction in Hindi 

जैसा की हमने जाना की relay एक switching device है तो एक relay में NO NC और Com. terminals  होते हैं, जिसमे NO और NC plunger या plate से कनेक्ट होते हैं । relay में एक operating coil भी होती है, जिसमे magnetic field बनता है। relay में NO और NC के Contact इस प्रकार से plunger या plate के साथ जुड़े होते हैं  की जब relay अपनी home position में होती है तो plunger या plate NC terminal को Com. terminal के साथ connect करके रखती है, लेकिन जैसे ही coil magnetise होती है तो यही plunger या plate NO terminal और com. terminal को आपस में कनेक्ट कर देती है जिससे switching होती है। जब relay coil से supply voltage disconnect कर दी  जाती है तो relay फिर से अपनी home position में आ जाती है, supply voltage ना होने पर अपने आप home position आने के लिए इसके plunger या plate में एक spring लगी होती है जो इसको home position में ले कर  आती है। 

Relay Connection in Hindi 

किसी भी relay में connection करने के लिए हमें  तीन terminals की जरुरत होती है जिनमें पहला है common  terminal दूसरा है NC (normally close) और तीसरा है NO (normally open) इन तीनो terminals के अलावा A1 और A2 terminals को coil के terminals होते है जिनको controlling voltage दी जाती है जैसा की ऊपर diagram में दिखाया गया है।

Relay Working Principle, Connection and Construction के बारे में Video से समझने लिए आप नीचे  दी गई Video देख सकते है।


Relay Working, Construction and Connection in Hindi Relay Working, Construction and Connection in Hindi Reviewed by Joshi Brothers on सितंबर 08, 2019 Rating: 5

Open Loop and Closed Loop Control System in Hindi. Advantages and Disadvantages of Control System in Hindi

अक्तूबर 03, 2018
इस पोस्ट में हम आपको Open Loop and Closed Loop Control System . Advantages and Disadvantages of Control System के बारे में बता रहे हैं | आज के समय में अगर कोई Electrical Panel या कोई भी Electrical Circuit बनाया जाता है तो उस सर्किट में दो प्रकार के connection किये जाते है पहला है Open Loop Control System और दूसरा है Closed Loop Control System. इस पोस्ट में हम आपको इन दोनों ही control system के बारे मे बताएंगे| अगर आप हमारी सभी latest पोस्ट का update पाना चाहते हैं , तो आप हमें  Instagram पर Follow कर सकते हैं , क्योकि सभी latest पोस्ट हम Instagram पर update करते रहते हैं  |

Open Loop and Closed Loop Control System in Hindi.
Open Loop and Closed Loop Control System


Open Loop Control System. 

Open Loop Control System को not feedback control system भी कहा जाता है क्यूंकि Open loop control system किसी भी प्रकार का कोई भी feedback signal या कोई भी error signal नहीं देता| open loop control system एक बहुत ही सिंपल सा स=सर्किट  होता है, जैसे की जो हमारे घरों में पानी गर्म करने वाला हीटर होता है वो हीटर open loop control system का एक उदाहरण  है| जब हम हीटर को चालू करते हैं  तो वो अपने working के अनुसार गर्म होना चालू हो जाता है लेकिन  temperature तब तक बढ़ता जाएगा जब तक हम उसकी सप्लाई बंद नहीं कर देते क्योकि एक सिंपल से हीटर में feedback देने के लिए कोई भी component नहीं लगा होता जो तापमान  को सेंस करके हीटर के सर्किट को फीडबैक दे, जिसकी वजह से हीटर का तापमान  तब तक बढ़ता जाता है जब तक उसकी सप्लाइ  को बंद नहीं किया जाता| इसी प्रकार हीटर की तरह ही open loop control system के कोई और भी उदाहरण  है जैसे की ceiling fan या फिर table fan.

Closed Loop Control System. 

Closed loop control system को feedback control system भी कहा जाता है क्योकि जो circuit closed loop control system में डिज़ाइन किये जाते है वो सर्किट feedback या error signal देते हैं | अगर हमको closed loop control system को समझना है तो हम अपने घरो के A.C (Air Conditioner) से समझ सकते है| जैसे की अगर हम अपने A.C को चालू करते हैं  तो सबसे पहले हम A.C में temperature सेट करते हैं की हमें  कितना तापमान  चाहिए, उसके बाद A.C में लगा Temperature Controller Sensor, room के तापमान  को सेंस करके A.C के सर्किट को feedback भेजता है और फिर A.C तब तक ठंडा  करता रहता है जब तक कमरे  का तापमान  हमारे द्वारा सेट किए गए तापमान  तक नहीं पहुंच जाता| जैसे की अगर हमने A.C में 16 डिग्री तापमान  सेट कर दिया तो A.C तब तक चालू रहेगा जब तक कमरे  का तापमान  16 डिग्री तक नहीं पहुंच जाता|

Advantages and Disadvantages of Open Loop and Closed Loop Control System


Advantages of Open Loop Control System
  • Open loop control system बिल्कुल  सिंपल होते है और इनकी काम  आसान होती है| 
  • open loop control system काफी किफायती होते है| 
  • इस प्रकार के control system का maintenance काफी आसान होता है और इस प्रकार के circuit में fault को ढूंदना  भी काफी आसान होता है| 
Disadvantages of Open Loop Control System
  • Open Loop Control System प्रॉपर सही से काम नहीं करते| 
  • इस प्रकार के system विश्वसनीय नहीं होते| 
  • इनकी working काफी धीमी  होती है या ये धीरे काम करते है| 
  • इस प्रकार के control system में अनुकूलन (Optimization) संभव नहीं है | 
Advantages of Closed Loop Control System
  • इस प्रकार के system विश्वसनीय होते है | 
  • इस प्रकार के control system बहुत फ़ास्ट होते है| 
  • इसमें अनुकूलन (Optimization) संभव है| 
Disadvantages of Closed Loop Control System 
  • Closed Loop Control System महंगे पड़ते है| 
  • इन control system का maintenance थोड़ा मुश्किल पड़ता है| 
  • इसका installation थोड़ा सा उलझा हुवा रहता है यानी की मुश्किल होता है| 
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Open Loop and Closed Loop Control System in Hindi. Advantages and Disadvantages of Control System in Hindi Open Loop and Closed Loop Control System in Hindi. Advantages and Disadvantages of Control System in Hindi Reviewed by Joshi Brothers on अक्तूबर 03, 2018 Rating: 5

What is Electrical Timer in Hindi, Timer Working and Connection in Hindi

अगस्त 07, 2018
What is Electrical Timer, Timer Working and Connection in Hindi:- Electrical Automation जैसे कि जब भी हम किसी Machine को चलाने के लिए या फिर किसी machine पर अगर 100 Operation होते हैं तो वो सभी Operation सिर्फ एक Switch को दबाकर हो रहे हो तो वो Automation है। Electrical Automation में Timer बहुत ज्यादा Important होता है। Timer, PLC (Programmable Logic Control) और RLC (Relay Logic Control) दोनों में इस्तेमाल किया जाता है। यहां आपको timer के Working और Connection के बारे में जानने को मिलेगा। अगर आप हमारी सभी latest पोस्ट का update पाना चाहते हैं , तो आप हमें  Instagram पर Follow कर सकते हैं , क्योकि सभी latest पोस्ट हम Instagram पर update करते रहते हैं  |
What is Electrical Timer in Hindi, Timer Working and Connection in Hindi
Electrical Timer

Timer क्या है और Timer कैसे काम करता है (What is Timer ? Working Principle of Timer)


Timer एक ऐसी Device है जो कि किसी भी machine जैसे कि Motor etc. को कुछ समय के बाद बन्द कर दे या चालू कर दे। जैसे कि हम Star - Delta Starter में Motor को पहले Star में चलाते हैं  और फिर कुछ second के बाद delta में चलाते हैं , तो इसमें Star Contactor को off करके delta contactor को on करने का काम timer का होता है। माना हमने timer में 30 sec. का समय डाल दिया तो जैसे ही timer को supply voltage मिलेगी timer star contactor को ON कर देगा और फिर ठीक 30 sec. के बाद star को OFF करके delta contactor को ON कर देगा। Timer में A1 और A2 इसकी Coil के terminal होते हैं  जिसमे supply voltage देकर coil को magnetize किया है। आजकल Electronics Timer आते हैं , लेकिन इनके अंदर भी Relay इस्तेमाल किया जाता है और Relay की Coil को supply दी जाती है। Coil के Terminals के अलावा इसमें NO (Normally Open) और NC (Normally Close) भी होते हैं । जिसमे Connection करके हम किसी भी load को ON या OFF करवा सकते हैं ।

Timer की Coil ज्यादातर 220V AC में होती है। A1 और A2 वाले Terminal में Coil की wire जोड़ी जाती है। Phase wire को A1 में और Neutral Wire को A2 में जोड़ा जाता है। किसी - किसी Timer में दो NO और दो NC होते हैं  और किसी - किसी मे सिर्फ एक - एक ही NO, NC होते हैं । जिस timer में दो NO, NC होते हैं  उसमें दो slots होते हैं , जैसे कि पहले Slots में एक terminal comman, एक NO और एक NC होता है। comman वाले terminal में हम supply voltage का wire connect करते है  और जिस लोड हमने सिर्फ कुछ समय तक ही चलाना है उसके connection हम NC से करते हैं  और जिस load को हमने कुछ समय के बाद चलाना है उसको हम NO terminal से जोड़ते है। Timer में आपको Comman, NO और NC वाले terminals कौन से है जानने के लिए Timer में Circuit Diagram मिल जाएगा या फिर आप सीधे ही Multi-meter से check कर सकते हैं । इस प्रकार से आप किसी भी timer के connection कर सकते हैं ।

अगर आपके दिमाग  में Timer से सम्बंधित कोई भी सवाल हो तो आप हमसे Comment करके पूछ सकते हैं  या फिर Youtube पर हमारी videos भी देख सकते हैं , जिससे कि आपको और भी अच्छे से समझ में आ सके।

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