VFD और Soft Starter में क्या अंतर है ? VFD vs Soft Starter
VFD (Variable Frequency Drive) और Soft Starter दोनों electrical motors के control के लिए use किए जाने वाले devices है, ये दोनों device motor के power consumption को कम करने में मदद करते हैं, लेकिन इनके functioning में कुछ अंतर हैं।
VFD vs Soft Starter in Hindi |
About VFD
VFD (Variable Frequency Drive) एक electronic device है, जो electromechanical motors की speed और torque को नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल होता है, VFD, AC (Alternate Current) motor को operate करने के लिए इस्तेमाल किया जाता हैं।
VFD काम करते वक्त, ये इनपुट AC power को DC power में convert करता है, इसके बाद ये DC power को फिर से adjustable frequency और वोल्टेज के साथ AC power में convert करता है, इस तरह से VFD, motor के speed और torque को control करने की अनुमति देता है।
VFD में एक bridge rectifier होता हैं जो, AC power को DC power में convert करता है, फिर एक DC link capacitor DC voltage को smooth करता है, inverter stage में, एक pulse width Modulation (PWM) technique का इस्तेमाल किया जाता है, इन PWM technique में, DC voltage को high - frequency pulses के साथ चलती हुई waveform में convert किया जाता है, इन pulses की ड्यूटी cycle और frequency की मदद से, motor को अलग अलग speed और torques पर चलाया जा सकता है।
VFD Block Diagram |
VFD को normally speed control applications में इस्तेमाल किया जाता है, जैसे कि industrial pumps, fans, compressors, conveyors, और CNC मशीन| VFD की मदद से मोटर की speed को optimize किया जा सकता है, जिससे energy conservation और process control जैसे advantages प्राप्त होते हैं।
About Soft Starter
Soft Starter एक electrical device है जो electric motor के लिए प्रयोग किया जाता है, ये device motor को start करने के लिए प्रयोग किया जाता है, ये device motor को धीरे-धीरे और controlled तरीके से start करता है, जिससे motor और electrical system को excessive stress से बचाया जाता है, soft starter, motor के starting torque और current को कम करता है, जिससे मोटर और electrical network के component पर कम pressure पड़ता है।
Soft starter के काम करने का basic principle ये है की इसमे एक semiconductor device, जैसे thyristors, transistor, ya IGBTs (Insulated Gate Bipolar Transistor) का उपयोग होता है, जो current boost देते है, जिससे motor की speed gradual तरीके से increase होती है, इसके अलावा, soft starter motor की torque और current को भी monitor करता है।
Soft starter के basic components है:-
- Power Semiconductor Switches: ये switches thyristors, transistors, या IGBTs हो सकते हैं, जो motor के current flow को regulate करते हैं.
- Control Circuit: ये circuit soft starter के operation को control करता है, इसमें microcontrollers, programmable logic controllers (PLCs), sensors, और user interfaces होते हैं।
- Bypass Contactor: ये component motor को start करने के बाद soft starter को bypass करके directly power supply से connect करता है.
Soft starter के काम करने के steps typically ये होते हैं:
- Motor Starting: जब motor start होना होता है, soft starter initial voltage और current boost देता है, ये boost motor को कुछ देर तक full voltage और current के लिए तैयार करता है।
- Voltage and Current Regulation: Soft starter motor की speed, torque, और current को monitor करता है, ये starting process में voltage और current को कम करता है|
- Soft Stop: जब motor को stop करना होता है, soft starter उसको gradual तरीके से stop करता है, जिससे motor और electrical system पर sudden stress नहीं पड़ता।
Soft starter का उपयोग motor starting applications में होता है, जहां heavy loads और high starting torque required होता है, जैसे कि pumps, compressors, conveyors, crushers, और large fans. Soft starter motor के performance को improve करता है, energy consumption कम करता है, और motor के components की lifespan को बढ़ाता है।
Soft Starter और VFD में अंदर:-
VFD (Variable Frequency Drive) और Soft Starter दोनों electromechanical devices हैं, जो induction motors को control करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं, ये दोनों devices motor की शुरुवाती current और voltage को कम करने के लिए काम आते हैं, लेकिन उनमें कुछ मुख्य अंतर है|
- Functions: VFD एक electronic device है, जो motor की speed को बढ़ाने और घटाने के लिए प्रयोग किया जाता है, ये motor के frequency और voltage को regulate करता है, जिससे motor की speed और torque control होती है| Soft Starter, दूसरी तरफ, motor की शुरुवाती current को control करके उसकी acceleration को smooth बनाता है, Soft Starter motor की starting current को limit करता है, जिससे motor और electrical system पर excessive stress नहीं पड़ता|
- Control Range: VFD, motor की speed को बहुत wide range में control कर सकता है, इससे motor की speed को zero से maximum तक बढ़ा सकते हैं, Soft Starter, motor की speed को control नहीं करता, सिर्फ starting current को limit करता है।
- Energy Efficiency: VFD motor की speed को control करने के साथ साथ energy efficiency भी बढ़ता है, क्यूंकि VFD motor की speed को optimize करके सिर्फ जरूरत के अनुसार power supply करता है, Soft Starter energy efficiency को directly improve नहीं करता है, क्यूंकि motor की speed constant रहती है.
- Application: VFD ज्यादातर dynamic applications में इस्तेमाल होता है, जहां motor की speed और torque control की जरूरत होती है, जैसे कि pumps, fans, compressors, conveyors, etc. Soft Starter ऐसे applications में इस्तेमाल होता है, जहां motor की starting current control की जरूरत होती है, जैसे कि large motors, crushers, mills, compressors, etc.
तो, VFD और Soft Starter दोनों motor control के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले devices है लेकिन इनका इस्तेमाल और कार्य अलग अलग है, आपको अपने specific application और requirements के हिसाब से सही device का चुनाव करना चाहिए।