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Star and Delta Winding in Transformer Hindi. Star Delta winding

अगस्त 08, 2018
Star and Delta Winding in Transformer Hindi, Transformer में दो तरह की Winding होती है, Star and Delta. अब कौन सी Winding कहाँ पर की जाती है ये आपको इस पोस्ट में देखने को मिलेगा। अगर आप हमारी सभी latest पोस्ट का update पाना चाहते हैं , तो आप हमको Instagram पर Follow कर सकते हैं,, क्योकि सभी latest पोस्ट हम Instagram पर update करते रहते हैं  |
Star and Delta Winding in Transformer Hindi.
Star and Delta Winding

Star Winding in Transformer

Star Winding को हम Distribution Transformer में इस्तेमाल करते हैं , Star Winding को इस्तेमाल करने का मकसद Neutral होता है। जैसे कि जो आपके घर के आस पास Transformer है वो एक Distribution Transformer है और उस Transformer में Star Winding की गई होगी। जब हमको Customer को Electrical Supply देनी होती है तो हम Customer को एक Phase Wire और एक Neutral Wire देते हैं, क्योंकि हमारे घरों का सभी load, Single Phase पर Operate होता है। लेकिन जब हम Industrial Areas में Electricity Distribute करते हैं  तो ज़्यादातर कंपनी  के खुद के Transformer होते हैं  और उन Transformer में Primary side Delta Winding और Secondary side Star Winding की गई होती है।

Delta Winding in Transformer



Delta Winding को Transmission में इस्तेमाल होने वाले Transformers में इस्तेमाल किया जाता है। इस जगह Star Winding इसलिए इस्तेमाल नही की जाती क्योकि यहाँ पर हमको Neutral Wire की कोई जरूरत नही होती। Delta Winding को इस्तेमाल करने से Transmission की Cost कम हो जाती है। हमारे घरों के आस पास लगे Transformer की Primary side Delta Winding होती है और Secondary side Star Winding होती है।


Star - Star Winding


Star - Star Winding में Transformer के दोनों side Star Winding होती है, मतलब की Transformer की Primary और Secondary दोनों side Star Winding इस्तेमाल की जाती है। इस प्रकार की Winding को भी ज्यादातर Distribution में इस्तेमाल किया जाता है।

Delta - Delta Winding


Delta - Delta Winding में Transformer के दोनों side मतलब की Primary side और Secondary side Delta Winding की जाती है। इस Winding को Transmission में इस्तेमाल किया जाता है, क्योकि Transmission में Neutral की कोई जरूरत नही पड़ती।

Delta - Star Winding


Delta - Star Winding में Transformer के एक side Delta Winding और दूसरी side Star Winding की जाती है। Transformer के Primary side Delta और Secondary side Star Winding की जाती है। इस Transformer को Distribution में इस्तेमाल किया जाता है। आपके घरों के आस - पास जो Transformer होगा उसमें यही Winding इस्तेमाल की गई होगी।

Star - Delta Winding


Star - Delta Winding में Transformer के एक side Star Winding और दूसरी side Delta Winding की जाती है। Transformer के Primary side Star और Secondary side Delta Winding की जाती है। इस प्रकार की Winding वाले Transformer काफी कम इस्तेमाल किए जाते हैं ।

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Star and Delta Winding in Transformer Hindi. Star Delta winding Star and Delta Winding in Transformer Hindi. Star Delta winding Reviewed by Joshi Brothers on अगस्त 08, 2018 Rating: 5

Why Transformer not used in DC Supply in Hindi ? Transformer in DC Supply

अगस्त 05, 2018
Why Transformer not used in DC Supply in Hindi ? जैसा कि हम जानते है Transformer, Faraday's के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन (Electromagnetic Induction) पर काम करता है। अगर आप हमारी सभी latest पोस्ट का update पाना चाहते हैं , तो आप हमको Instagram पर Follow कर सकते हैं , क्योकि सभी latest पोस्ट हम Instagram पर update करते रहते हैं  |
Why Transformer not used in DC Supply in Hindi ?
Transformer in DC Supply

Transformer A.C Supply पर काम करता है, इसमे कोई भी घूमने वाला भाग नही होता ये एक स्थिर मशीन है।
Transformer, को A.C Supply से कनेक्ट करने पर इसमें Resistance और Reactance की वजह से Impedance, Current को Control करता है। लेकिन DC Supply में ना तो Reactance होता है  और ना ही Impedance होता है। DC Supply में सिर्फ Resistance ही Current को Control करता है। AC Supply में Transformer की Primary Winding को supply से जोड़ने पर Transformer कोर में flux generate होता है जोकि core के चारो तरफ घूमने लगता है। Flux के चारों तरफ घूमने के कारण ये Flux Secondary Winding से भी link करता है। जब ये Secondary Winding से link करता है तो Secondary Winding में E.M.F पैदा हो जाती है और हमको output voltage मिल जाता है। लेकिन अगर हम transformer को DC supply से जोड़ेंगे तो उस समय Transformer की Primary Winding में जो Magnetic Flux बनेंगे वो Constant होंगे और Primary Winding के पास ही रहेंगे जिसकी वजह से Transformer की Primary Winding जल भी सकती है। दूसरा कारण ये है कि Transformer की Winding का Resistance कम होता है, और DC Supply में Current को सिर्फ Resistance ही Control करता है, Transformer  की Winding का Resistance कम होने की वजह से Winding ज्यादा Current लेगी और ज्यादा current लेने की वजह से Transformer की Primary Winding जल भी सकती है।



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All Parts of Transformer in Hindi, Transformer Construction in Hindi

जुलाई 26, 2018
जैसा कि हम सब जानते हैं  कि Transformer एक ऐसा Device है जो Voltage और Current को बिना उसकी Frequency बदले एक लेवल से दूसरे लेवल में बदलने का काम करता है। Transformer Electrical Machines में बहुत ही महत्वपूर्ण मशीन है। इस पोस्ट में हम Transformer के Parts और इसके Construction के बारे में बात करने वाले है, तो  आप इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें और अपने दोस्तों में भी जरूर शेयर करें। अगर आप हमारी सभी latest पोस्ट का update पाना चाहते हैं , तो आप हमको Instagram पर Follow कर सकते हैं , क्योकि सभी latest पोस्ट हम Instagram पर update करते रहते हैं |

All Parts of Transformer in Hindi
Transformer

ट्रांसफार्मर के भाग। (Parts of Transformer)

Transformer के कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण भाग होते हैं  जोकि नीचे दिए गए हैं :-
  • कोर (Core)
  • वाइंडिंग (Winding)
  • टर्मिनल और बुशिंग्स (Terminal or Bushing)
  • ट्रांसफार्मर टैंक (Transformer Tank)
  • ट्रांसफार्मर आयल (Transformer Oil)
  • कंजरवेटर टैंक (Conservator Tank)
  • ब्रीथर (Breather)
  • बुचाल्स रिले (Buchholes Relay)
  • कूलिंग प्रणाली (Cooling System)


कोर (Core):- Transformer के जिस हिस्से में Winding की जाती है उसको कोर (Core) कहते हैं। Core हमेशा Silicone Steel के बने होते हैं , और हर एक core की मोटाई लगभग 0.5mm होती है, हर एक core full laminate होता है ताकि Eddy Current और Hysteresis Losses कम से कम किए जा सकें।

वाइंडिंग (Winding):- Voltage और Current को एक लेवल से दूसरे लेवल में बदलने का काम Transformer में Winding का ही रहता है। Transformer में दो Windings होती है। पहली Primary Winding और दूसरी Secondary Winding फिर चाहे वो Single Phase Transformer हो या फिर Three Phase Transformer. Transformer की जिस Winding को Supply Voltage से जोड़ा जाता है वो Winding, Primary Winding होती है और जिस तरफ Load लगा होता है वो Winding Secondary Winding होती है। इस प्रकार आप किसी भी Transformer में आंख बंद करके बता सकते हैं  कि कौन सी Winding Primary है और कौन सी Secondary.

टर्मिनल और बुशिंग्स (Terminal or Bushings):- 
Transformer के सबसे ऊपर  वाले हिस्से में जहाँ पर Connection किए जाते हैं  फिर चाहे वो Primary side के हो या फिर Secondary side के वहाँ पर ऊपर  तरफ कुछ टर्मिनल निकले होते हैं , जहाँ पर Connection किए जाते हैं। इन टर्मिनल को ही टर्मिनल और बुश कहा जाता है। ये Transformer के अंदर Transformer की Winding से जुड़े  होते हैं  औऱ इन्ही के जरिए Transformer की Winding को Supply Voltage दी जाती है और Load Voltage ली जाती है।

ट्रांसफॉर्मर टैंक (Transformer Tank):- Transformer का जो हिस्सा हमको बाहर से देखने को मिलता है, वो Transformer Tank ही होता है। Transformer Tank एक खाली Tank होता है जिसके अंदर Transformer Winding रखी होती है। अगर Transformer में Oil Cooling इस्तेमाल की जा रही है तो इस Tank में Transformer Oil भी होता है, ताकि Transformer की Winding को Cool रखा जा सके।

ट्रांसफॉर्मर आयल (Transformer Oil):- Transformer Oil, Transformer में बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण चीज है। Transformer Oil का इस्तेमाल इसलिए किया जाता है क्योंकि जब Transformer अपना काम कर  रहा होता है तो Transformer की Winding में कुछ Heat Losses होते हैं , जिसकी वजह से Transformer की Winding गर्म हो जाती है। अगर Transformer की Winding को ठंडा करने के लिए कोई प्रावधान ना किया जाए तो Heat Losses की वजह से कुछ ही समय बाद Transformer की Winding जल सकती है। इसलिए Transformer में Cooling के लिए Transformer Oil को इस्तेमाल किया जाता है।

कंजरवेटर टैंक (Conservator Tank):- जैसा कि हमने आपको Transformer Tank के बारे में बताया था कि Transformer Tank में Transformer Winding और Transformer Oil होता है, उसी तरह से Conservator Tank में भी Transformer Oil होता है। Conservator Tank एक छोटा सा टैंक होता है, जोकि Transformer के ऊपर वाले हिस्से में लगा होता है। ये Tank Transformer के Main Transformer से एक Pipe की मदद से जुड़ा रहता है और इस tank को हमेशा आधा Transformer Oil से भरा रखते है और इस tank से Breather भी जुड़ा रहता है, ताकि जब भी Transformer के main tank में कोई भी short circuit हो या Transformer over load हो जाए तो उस स्थिति में Transformer Oil का लेवल temperature बड़ने से ऊपर की तरफ उठने लगेगा और अगर temperature ज्यादा बड़ जाएगा तो Breather के रास्ते बाहर निकल जाएगा। लेकिन ऐसा बहुत कम होता है, Conservator Tank को Oil से आधा इसलिए ही भरा जाता है ताकि जब भी Transformer के main tank में oil का लेवल बड़े तो वो बाहर ना निकले Conservator Tank में  ही रहे, और जब Transformer Oil का temperature कम हो जाए तो Transformer Oil वापस अपने लेवल पर चला जाए।

ब्रीथर (Breather):- जैसा कि हमने आपको ऊपर Conservator Tank के बारे में बताया कि जब Transformer Oil का temperature ज्यादा बड जाता है तो Transformer Oil बाहर निकलने कि कोशिश करता है या जब Transformer Oil का लेवल temperature बडने से ऊपर उठने लगता है तो कुछ gases भी बनती है जिनका बाहर निकलना बहुत जरूरी होता है। ये सभी गैस Conservator Tank से होते हुए  Breather के रास्ते ही बाहर निकलती है, और जब Transformer Oil का temperature कम होता है तो Transformer Oil का लेवल नीचे जाने लगता है जिसकी वजह से Transformer हवा लेता है। ये हवा भी Transformer, Breather के रास्ते ही लेता है। Breather में हम Silica Gel डाल कर  रखते हैं  ताकि जब Transformer हवा अंदर ले तो हवा के साथ किसी भी तरह की कोई नमी या धूल-कंकड़  ना जाए। क्योकि अगर ऐसा हुआ तो Transformer Oil खराब हो जाएगा या उसकी Dielectric Strength कम हो जाएगी।

बुचाल्स रिले (Buchholzs Relay):- Buchholzs Relay, Transformer का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है, ये Transformer की safety के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है और Transformer के main tank और conservator tank के बीच के लगा होता है। जब भी Transformer Oil का temperature बड़ता है तो Transformer Oil तेजी से Conservator Tank की तरफ जाता है। जब भी transformer में ये सब हो रहा होता है तो Buchholz Relay से ही हमको पता लगता है कि Transformer Oil का temperature बड़ गया है। जब Transformer Oil तेजी से conservator tank की तरफ जाता है तो Buchholz Relay के बीच मे लगे होने से इसके अंदर का Plunger push होता है जोकि एक circuit complete करता है यानी कि NO से NC बनता है और Transformer से पहले लगे Circuit Breaker को बंद कर देता है जिससे Transformer में किसी भी तरह की दुर्घटना को टाला जा सकता है।

कूलिंग प्रणाली (Cooling System):- अलग-अलग Rating के Transformers में Cooling भी अलग - अलग तरीके से की जाती है जैसे:-
  • Natural Air Cooling.
  • Air Blast Cooling.
  • Oil Cooling.
  • Oil immersed Cooling.
  • Oil Immersed Forced Water Cooling.
  • Oil Immersed Forced Air Cooling.

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All Parts of Transformer in Hindi, Transformer Construction in Hindi All Parts of Transformer in Hindi, Transformer Construction in Hindi Reviewed by Joshi Brothers on जुलाई 26, 2018 Rating: 5

Transformer Working Principle in Hindi. Transformer Working

जुलाई 18, 2018
Transformer एक ऐसी मशीन है जिसमें कोई भी घूमने वाला भाग नही होता। ये बिना Frequency को बदले Voltage और Current को कम या ज्यादा करता है, जैसा कि हमने आपको अपने पिछली पोस्ट में बताया था। अगर आप हमारी सभी latest पोस्ट का update पाना चाहते हैं , तो आप हमको Instagram पर Follow कर सकते हैं , क्योकि सभी latest पोस्ट हम Instagram पर update करते रहते हैं  |

Transformer का कार्य सिद्धन्त। (Transformer Working)

Transformer फैराडे के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन के सिद्धांत पर काम करता है। फैराडे के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक सिद्धान्त के अनुसार जब भी कोई चालक (Conductor) बदलते हुए  फ्लक्स को  लिंक करता है या उसके सम्पर्क में आता है तो उस चालक (Conductor) में ई.एम.एफ (EMF) पैदा हो जाती है। और ये पैदा होने वाली EMF फ्लक्स परिवर्तन की दर (Rate of Changing Flux) और चालकों की कुल संख्या (Number of Conductor) के समानुपाती होता है।
Transformer Working Principle in Hindi.
Transformer Working
जैसा कि आप इस Diagram को देख रहे है, Transformer में दो Winding होती है Primary Winding और Secondary Winding. Primary Winding को हमेशा Supply Voltage से जोड़ा जाता है और Secondary Winding को load के साथ जोड़ा जाता है। जब भी Transformer की Primary Winding को supply voltage दी जाती है तो Primary Winding से एक Magnetic Flux पैदा होता है जोकि Transformer Core की चारो तरफ घूमने लगता है, जैसा कि Diagram में दिखाया गया है। जब ये Magnetic Flux Secondary Winding के साथ लिंक करता है तो Secondary Winding में ई.एम.एफ EMF पैदा होती है जिसकी वजह से हमको Secondary Winding से Output Voltage मिल जाता है।


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Transformer Working Principle in Hindi. Transformer Working Transformer Working Principle in Hindi. Transformer Working Reviewed by Joshi Brothers on जुलाई 18, 2018 Rating: 5

Transformer in Hindi- परिभाषा, कार्य और प्रकार |

जुलाई 13, 2018
transformer in hindi
Transformer in Hindi

Electrical transformer एक ऐसा डिवाइस है जो electric energy को एक वोल्टेज लेवल से दूसरे वोल्टेज लेवल में बदलता है, ये वोल्टेज लेवल दोनो तरफ से हो सकता है, मतलब transformer से इनपुट voltage level को transformer के आउटपुट लेवल में convert किया जा सकता है, या फिर transformer से output voltage level में convert किया जा सकता है।


transformer working in hindi
Transformer Working in Hindi

Working Principle of Transformer

Transformer के काम के लिए, एक primary coil और एक secondary coil होती है, इन दोनों coils के बीच में एक magnetic core होता है, जब primary coil में AC voltage apply किया जाता है , तब ये voltage magnetic core के through primary coil से secondary coil में transfer होता है ,  इस process में magnetic field primary coil और magnetic field primary coil और magnetic core में जेनरेट होता है, इस magnetic field के साथ साथ electrical energy magnetic core में store हो जाती है।

ये magnetic field secondary coil में एक electrical current primary coil से induce किए गए current से current से phase और frequency में अलग हो सकता है, लेकिन secondary coil के output voltage level primary coil के input voltage level से proportional होता है, इस तरह transformer का काम होता है।

Transformer के डिजाइन में, primary coil और secondary coil के turns ratio को ध्यान में रखा जाता है, ताकि इनपुट voltage level को output voltage level में convert करने के लिए required number of turn होते हैं, इसके साथ साथ transformer के design में power rating और frequency भी ध्यान में रखा जाता है।

Transformer बहुत ही आवश्यक device है electrical Power transmission और distribution system में convert किया गया जाता है, जिससे energy को long distances तक भेजा जा सकता है और energy loss कम हो जाता है।


Types of Transformer:-

Transformer को  different criteria के आधार पर अलग अलग भागों में बांटा जा सकता है इनमें से कुछ नीचे दिए गए हैं;

Voltage level के आधार पर 

Step Up Transformer:- वो Transformer जो कम Voltage को ज्यादा Voltage में बदलते हैं  उन्हें step up transformer कहा जाता है, इस टाइप के transformer ज्यादातर Generating Station में देखे जा सकते हैं ।

Step Down Transformer:- वो Transformer जो ज्यादा Voltage को कम Voltage में बदलते हैं  उन्हें step down transformer कहा जाता है, इस टाइप के transformer को sub stations में देखा जा सकता है।

Construction के आधार पर


core type transformer in hindi
Core type transformer in Hindi

Core type transformer:- Core type transformer एक प्रकार का transformer होता है, जिसका magnetic कोर एक laminated iron core होता है इस प्रकार के transformer में primary और secondary winding donut-shaped magnetic core के दोनो तरफ होती है, core type transformer में core के बीच में winding होती है जिसके कारण magnetic flux काफी हद तक core में रह जाता है|

Core type transformer के primary winding और secondary winding अलग अलग side पर होती है और core इन दोनों winding के बीच में होता है, core type transformer का प्रयोग high voltage और low current को low voltage और  high current में convert करने के लिए किया जाता है, इसके अलावा core type transformer के magnetic Circuit को design करने के लिए laminated iron के strips का प्रयोग किया जाता है ताकि, transformer की efficiency बढ़ सके और hysteresis loss और eddy current loss कम हो।

Core type transformer के magnetic circuit में flux काफी हद तक core के अंदर रहता है, इसलिए core type transformer में core का size और material magnetic flux density को handle करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है इसलिए core type transformer का  design magnetic flux density और core k cross sectional area के साथ करना। बहुत जरूरी है, ताकि transformer की efficiency और performance सही हो।

shell type transformer in hindi
Shell type transformer in Hindi

Shell type transformer:- Shell type transformer एक प्रकार का transformer होता है जिसे एक shell या cover के अंदर एक magnetic circuit और कुछ coils होती हैं, इस तरह के transformer में primary और secondary coils एक दूसरे के आस पास होती हैं और दोनों coil के बीच एक magnetic core होता है , इस core को दोनों coil में current का transformer होता है।

Shell type transformer के magnetic core को 'E' और 'I' जैसे shape में बनाया जाता है, 'E' core में magnetic path के बीच में primary और secondary coils होती है, जबकि 'I' core में दोनों coils के बीच का magnetic path एक straight line होता है,। 'E' core type transformer में magnetic flux के leakage काफी कम होता है , इसलिए इसका efficiency High होता है, लेकिन  'I' core type transformer की construction और winding process आसान होता है, इसलिए ये low voltage transformer के लिए ज्यादा उपयोगी होता है।

Shell type transformer के primary और secondary coils दोनों rectangular और concentric shapes में होती हैं, और इनकी insulation एक दूसरे से अलग होती है, ये transformer usually low voltage applications के लिए उपयोग में लिया जाता है जैसे कि control circuit, lighting applications और electronic devices.

Overall, shell type transformer एक प्रकार का transformer है जिसके magnetic core के अंदर primary और secondary coils होते हैं, इसका उपयोग low voltage applications के लिए किया जाता है।

Number of winding के आधार पर


Single phase and three phase transformer in hindi
Single Phase and Three Phase Transformer in Hindi

Single phase transformer:- एक phase वाले transformer (single phase transformer) electrical Power distribution system में इस्तेमाल होते हैं, जहां single phase AC power का उपयोग होता है। ये transformers residential, commercial, और industrial building में बिजली के distribution के लिए उपयोगी होते हैं।

कुछ आम इस्तेमाल areas में शामिल होते हैं :-
  • Residential buildings: एक phase वाले transformer residential buildings में इस्तेमाल होते हैं, जहां बिजली distribution के लिए जरूरत होती है, ये transformers electric grid से उपलब्ध बिजली को lower voltage level में convert करते हैं, जिसे घर के appliances और lighting के लिए उपयोग कर सकते हैं,
  • Commercial Establishment: ,मॉल, और अन्य व्यवस्थित स्थल भी single phase वाले transformer का इस्तेमाल करते हैं, इन establishments में बिजली distribution और lighting system को power up करने के लिए। Single- phase transformer  का इस्तेमाल होता है।
  • Small Scale Industries: छोटे scale की industries, जहां कम power consumption होता है, वहां भी single phase transformer का उपयोग होता है, इन industries में मशीन और equipment को power up करने के लिए single phase transformer का इस्तेमाल होता है।
  • Agriculture Applications: खेती से जुड़े काम में भी single phase transformer का उपयोग होता है, किसान बिजली के जरिए water pump और अन्य agriculture equipment को चलाने के लिए single phase transformer का इस्तेमाल करते हैं।
ये सिर्फ कुछ प्रमुख इस्तेमाल हैं, लेकिन single phase transformer को और भी अलग अलग जगहों पर इस्तेमाल किया जाता है, जहां single phase power distribution की जरूरत होती है।

Three phase transformer: एक three phase transformer electrical energy को एक दूसरे phase में transfer करने के लिए प्रयोग किए जाने वाला एक device है, ये transformer generally power distribution system में प्रयोग किया जाता है, जहां electricity high voltage से low voltage पर transform की जाती है या vice versa।

Three phase transformer में तीन अलग अलग coil होते हैं, जिन्हें primary, secondary और tertiary winding कहा जाता है, हर एक coil अलग अलग phase से connect होता है, भारत में commonly use की जाने वाली three phase system में, ये phase होते हैं R(red), Y (yellow), और B (blue) को represent करते हैं।

Three phase transformer का काम three phase power को transform करके voltage और current level को modify करके दूसरे phase में transfer करना होता है, इसमें primary winding में इनपुट पॉवर दी जाती है और secondary winding से output power प्राप्त की जाती है।

इस तरह से three phase transformer electricity के distribution system में voltage transformation, current transformation और isolation को possible बनाता है, ये बहुत ही आवश्यक device है, जिससे power transmission और distribution network's को efficiency operate किया जा सकता है।

Cooling Method के आधार पर

dry type and oil immersed transformer in hindi
Dry type and Oil immersed type transformer

Dry type transformerDry type transformer, या sukh type transformer, एक ऐसा transformer होता है जो अपने core और winding को insulation के लिए dielectric material (जैसे कि resin) से सराउंड करता है, और इसमें oil या अन्य dielectric fluid का उपयोग नहीं होता है, इसलिए इसको dry type transformer कहते हैं।

Dry type transformer का काम conventional transformer के तरह ही होता है, यानी कि एक वोल्टेज level को दूसरे voltage level में बदलना, ये transformer electrical energy को एक circuit में transfer करने का काम करता है।

Dry type transformer में winding Copper या aluminum के conductor से बनाए जाते हैं, इन conductors को insulated रखने के लिए, resin या epoxy Material का उपयोग किया जाता है, ये insulation heat और electrical stress से बचाता है।

इसमें एक primary winding और एक secondary winding होती है,primary winding को input side पर connect किया primary winding जाता है और इसमें energy का प्रवाह होता है, secondary winding output side होती है, और इसमें energy output की जाती है।

Dry type transformer के core में laminated iron या अन्य magnetic flux का उपयोग होता है, ये core magnetic flux को channelize करता है ताकि energy transfer efficiency हो सके।

इसमें transformer का core और winding insulation material के लिए layer से surround होता है, जो उन्हें moisture, dirt और उदर contaminants से बचाता है, इसका फायदा ये होता है कि dry type transformer maintenance friendly होता है और leakage, fire और environment hazards का risk कम होता है।

Dry type transformer silent operation करता है, और generally environmentally sensitive areas, जैसे कि hospitals, schools, और commercial building में इस्तेमाल किया जाता है, इसे oil field transformers के मुकाबले comparatively easy to install और safe माना जाता है।

Dry type transformer का एक drawback ये है कि ये oil field transformers ke मुकाबले कम power output capacity रखते हैं, इसलिए large scale industrial applications में oil filled transformer का उपयोग ज्यादातर किया जाता है।

Overall dry type transformer, efficient, safe और reliable power distribution और transmission के लिए viable option होते हैं।

Oil-immersed transformerOil immersed transformer एक प्रकार का electrical device होता है, जो किसी भी power distribution system में बिजली को transform करने के काम करता है, इसमें electrical energy को एक voltage level से दूसरे voltage level पर convert किया जाता है, जिससे बिजली को transmission और distribution के लिए सही voltage level पर उपयोग करने में मदद मिलती है।

Oil immersed transformer, transformer core, primary coil और secondary coil से मिलकर बना होता है, transformer core usually iron की बनावट होती है, जो primary और secondary coil के बीच में रखी जाती है, primary coil एक तरफ से transformer के input voltage को प्राप्त करती है और secondary coil दूसरी तरफ से output को provide करती है।

Transformer core और coil को transformer tank में रखा जाता है, जिसमें transformer oil भरा होता है, transformer oil एक dielectric fluid होता है, जो insulation provide करता है और transformer को cooling करता है, इस oil की वजह से transformer का नाम oil immersed transformer है।

Transformer oil के कुछ मुख्य functions होते हैं:
  • Dielectric InsulationTransformer oil के high dielectric strength वाले properties electrical insulation का काम करते हैं, इससे coil के बीच voltage leakage और short circuit से बचाया जाता है।
  • CoolingTransformer oil, transformer core को cooling करता है, heat dissipation के लिए oil circulation का system होता है, जिससे transformation internal temperature control होता है।
  • Protection: Transformer oil में dissolved gases होती हैं, जिन्हें monitoring करके transformer के internal faults जैसे कि partial discharge और arching, का protection और maintenance possible होती है।
Transformer के operation के समय, primary coil में लगने वाली alternating current (AC) magnetic field create करती है, इस magnetic field से transformer core में magnetic flux, secondary coil में voltage induce होती है, इस प्रकार input voltage primary coil से transformer oil के through magnetic induction के माध्यम से secondary coil तक पहुंचती है।

Transformer के primary और secondary coil से turn ratio के हिसाब से input voltage को step up या step down किया जाता है, turn ratio के लिए बदलने से output voltage भी correspondingly change होती है।

Overall, oil immersed transformer बिजली को efficient और reliable तरीके से voltage level change करने में मदद करता है, और उसकी stability को भी ensure करता है।

Application के आधार पर

power, distribution and instrument transformer in hindi
Power, Distribution and Instrument Transformer in Hindi

Power transformerPower transformer एक electrical device है जो electrical energy को एक voltage level से दूसरे voltage level में बदलने का काम करता है, ये voltage level usually high level of transmission या distribution के लिए उपयोग होता है, transformer AC (alternative current) electrical energy को use करता है।

Transformer के दो मुख्य component होते हैं: Primary winding (coil) , ये coil insulated wire के winding होते हैं और एक magnetic core के आस पास होती हैं, core usually laminated silicon Steel या ferrite material से बना होता है, transformer का बेसिक principle electromagnetic induction है।

Transformer के primary winding में input voltage apply किया जाता है, जब Input voltage coil के through flow करता है, तब coil में एक magnetic field उत्पन्न होता है, इस magnetic field की वजह से secondary winding में electromagnetic induction से दूसरा voltage induce होता है, जो input voltage से अलग होता है, ये induced voltage transformer के design और turns ratio पर depend करता है।

Transformer के working principle के लिए turns ratio बहुत important होता है, turn ratio primary और secondary winding के turn coil के ratio को represent करता है, अगर turns ratio Np:Ns है, तो primary voltage (Vp) और secondary voltage (Vs) के बीच का relationship ये होता है:

Vs/Vp=Ns/Np

यहां Vs secondary voltage है और Vp primary voltage है।

अगर turn ratio Np:Ns ज्यादा है, तो secondary voltage primary voltage से ज्यादा होता है और transformer step-up transformer के तौर पर काम करता है, अगर turn ratio Np:Ns कम है, तो secondary voltage primary voltage से कम होता है, और transformer step-down transformer के तौर पर काम करता है।

Transformer की efficiency। को improve करने के लिए core में laminated sheets का उपयोग होता है, laminated sheets se eddy current losses कम होती है, transformer के coil winding के बीच insulation की भी खास परवाह की जाती है ताकि short circuit से बचाया जा सके।

Transformer की primary और secondary winding के turn or core material के सही design के साथ, energy को efficient तरीके से convert किया जा सकता है, इससे suitable voltage level पर deliver किया जा सकता है।

Transformer electricity transmission system, power substations, industries और homes में widespread use होता है, ये बहुत ही आवश्यक electrical device है जिसके बिना electricity को सही voltage level पर deliver करना मुश्किल होता है।

Distribution transformerDistribution transformer एक ऐसा electrical device होता है जो electrical energy को transmission voltage से distribution voltage में बदलने का काम करता है, ये transmission electricity को High voltage से low voltage पर बदलने के लिए उपयोग किए जाते हैं, ताकि उससे विद्युत उपयोगकर्ताओं तक पहुंचाया जा सके।

Distribution transformer electric power को transmission system से ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए उपयोग होता है, transmission system में electrical power को high voltage पर रखा जाता है, क्यूंकि इससे power loss कम होता है, लेकिन ग्राहकों k लिए उपयोगी voltage low होता है, इसलिए distribution transformer electricity को transmission voltage (जैसे 11kV, या 66kV) से distribution voltage (जैसे 415V या  240V) में बदल देता है।
Distribution transformer का basic काम है electromagnetic induction का उपयोग करके voltage और current को बदलना, ये transformer primary coil और secondary coil से मिलकर बने होते हैं, primary coil transmission voltage पर connected होता है और secondary coil ग्राहकों के लिए distribution voltage प्रदान करता है, दोनों coil एक ferrite core (magnetic core) के आस पास रखे जाते हैं, जिससे electromagnetic induction होती है।

जब primary coil में alternating current (AC) flow होता है, तो magnetic field generate होता है, इस magnetic field के कारण secondary coil में electromagnetic induction होती हैं, जिसकी वजह से voltage और current बदल जाते हैं, transformer में primary और secondary coil की turn ratio के हिसाब से voltage और current का transformation होता है।

Distribution Transformer efficient तरीके से energy transfer करता है और power loss को कम करता है, इसके साथ ही, transformer में protective device भी होते हैं, जैसे कि overload protection, short circuit protection और insulation protection, जो transformer की सुरक्षा और स्थिरता को बनाए रखते हैं।

Overall distribution transformer transmission system से ग्राहकों तक electricity को प्रवाहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है और विद्युत ऊर्जा को प्राकृतिक रूप से उपयोगकर्ताओं तक पहुंचाने में मदद करता है।

Instrument transformerInstrument transformer एक ऐसा electrical device होता है जो electric current या voltage को कम value पर transform करता है ताकि इसे आसानी से measure और monitor किया जा सके, ये transformer electrical power system में प्रयोग होते हैं, जहां high voltage और high current को कम value पर convert करने की जरूरत होती है ताकि इंस्ट्रूमेंट्स और protective devices उन्हें handle कर सकें।

Instrument transformer दो प्रकार के होते हैं:

Current Transformer (CT): Current transformer primary और secondary winding से बना होता है, current transformer में primary winding High current को carry करता है जो measure करना है जबकि secondary winding उस current को कम value पर step down करता है, CT का secondary winding generally low value (such as 5A) का होता है और इससे measuring instruments और protective devices को power supply मिलती है, CT typically galvanically isolated होता है, यानी primary और secondary winding के बीच एक electrical isolation होती है ताकि safety और accuracy को ensure किया जा सके।

Voltage Transformer (VT) या Potential Transformer (PT): Voltage Transformer (VT) या Potential Transformer (PT) primary और secondary winding से बना होता है, VT में primary winding high voltage को carry करता है जो measure करता है, जबकि secondary winding उस voltage को कम value पर step down करता है, VT का secondary winding generally low value (such as (110V or 220V) का होता है और इससे measuring instruments और protective device को power supply मिलती है,VT भी galvanically isolated होता है ताकि safety और accuracy को maintain किया जा सके।

Instrument transformer में iron core का उपयोग होता है जो magnetic field को concentrate करता है और step down transformer को possible बनाता है, इस core के आस पास primary और secondary winding होती हैं, Primary winding में actual current या voltage flow होता है, जबकि secondary winding में reduced value पर transformer current या voltage generate होता है

Instrument transformer accurate measurement और protection provide करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, ये electrical instruments और devices को high voltage और high current से बचाते हैं और उन्हें low value पर transform करने के साथ साथ, electrical measurements और monitoring के लिए suitable values प्रदान करते हैं।

Parts of Transformer

Transformer के कुछ मुख्य parts के नाम नीचे दिए गए हैं :-

  • Core: Transformer crore एक मैग्नेटिक कोर होता है, जिसमें iron lamination का प्रयोग होता है, ये core transformer की performance और efficiency के लिए बहुत जरूरी होता है।
  • Winding: Transformer में winding होती है, जिसके through energy transfer होता है, primary winding और secondary winding दोनों के बीच electromagnetic induction का process होता है।
  • Tap Changer: Tap Changer transformer के primary winding पर multiple tapping points उपलब्ध करता है, जिससे voltage regulate किया जा सकता है।
  • Insulation: Transformer के अलग अलग भाग को isolate करने के लिए insulation किसी भी short circuit से transformer की safety के लिए बहुत जरूरी होता है।
  • Cooling system: Transformer में heat generation होती है, इसलिए उसमें cooling system का प्रयोग किया जाता है, cooling system oil, water या air based हो सकता है।
  • BushingTransformer में bushing electrical insulator की तरह प्रयोग होती है, जिसके through transformer से power आउटपुट को connect किया जाता है।
  • Breather: Transformer के अंदर oil का प्रयोग होता है, जिसके अंदर moister और impurities जमा हो  सकते हैं, breather moisture और impurities को filter करने के लिए किया जाता है।
  • Buchholz Relay: Transformer में buchholz relay का प्रयोग transformer के अंदर oil level और fault detection के लिए किया जाता है।


Transformer in Hindi- परिभाषा, कार्य और प्रकार | Transformer in Hindi- परिभाषा, कार्य और प्रकार | Reviewed by Joshi Brothers on जुलाई 13, 2018 Rating: 5
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