थर्मोकपल: एक विस्तृत जानकारी (Thermocouple: A Comprehensive Guide)

मई 23, 2023

thermocouple in hindi
Thermocouple in Hindi

Thermocouple एक तरह का temperature sensor होता है जो दो अलग अलग किस्म के मैटेलिक कंडक्टर से बना होता है, ये दो कंडक्टर जंक्शन को temperature के हिसाब से measure करके temperature को कैलकुलेट करता है।

Thermocouple काम करने के लिए, एक जंक्शन हॉट जंक्शन कहते हैं, जहां पर दो अलग अलग मेटल की ends को कनेक्ट किया जाता है और दूसरा जंक्शन कोल्ड जंक्शन होता है जहां पर thermocouple का temperature को मापा जाता है, temperature के। चेंज हॉट जंक्शन के मेटल के कंडक्टिविटी में बदलाव लाता है और इससे इलेक्ट्रिक पोटेंशियल जेनरेट होता है, जो कोल्ड जंक्शन तक ट्रैवल करता है और इसके  रीडिंग तापमान को इंडिकेट करता है।

Thermocouple बहुत ही reliable or durable होते हैं और बहुत से एप्लीकेशन में उसे किये जाते हैं, जैसे कि heating और cooling start, automobile, और industrial process monitoring.

thermocouple working in hindi
Thermocouple Working in Hindi

Working of Thermocouple (Thermocouple के कार्य)

Thermocouple एक ऐसा temperature sensor है जो temperature को मापने के लिए प्रयोग में लाया जाता है, ये sensor दो अलग अलग किस्म के मेटल वायर से बना होता है, जिन्हें 'legs' कहा जाता है। जब इन दोनों 'legs' को आपस में जोड़ दिया जाता है तो एक जंक्शन बनता है, अगर दोनो 'legs' का temperature अलग अलग होता है तो इस जंक्शन में एक voltage generator होता है, जो thermocouple के temperature से सम्बन्धित होता है।
ये वोल्टेज thermoelectric effect के कारण जेनरेट होता है, जो कहता है, जब दो अलग अलग किस्म के मेटल की तरह के वायर को आपस में जोड़ा जाता है, तो अगर दोनो वायर का temperature अलग अलग होता है तो दोनो वायर में एक potential difference create होते हैं। इस वोल्टेज को thermocouple से readout सिस्टम में एम्प्लीफाई किया जाता है, जिसमें ये वोल्टेज temperature की मेजरमेंट के लिए प्रयोग किया जाता है।
Thermocouple के अलग अलग किस्म के मेटल वायर का selection temperature range और एक्यूरेसी पर निर्भर करता है, जैसे। की टाइप के thermocouple में क्रोमेल (एनआईसीआर) और एलुमेल (एनआईऐएल) मेटल का प्रयोग किया जाता है और ये 200°C से लेकर 1372° C तक के temperature को मेजर कर सकता है।
types of thermocouple in hindi
Types of Thermocouple in Hindi

Types of Thermocouple (Thermocouple के प्रकार)

Thermocouple के कई प्रकार हैं:-
  • K-type thermocouple:- ये सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाला thermocouple है, इसका temperature range -200°C se 1350°C तक होता है।
  • J- type thermocouple:- ये भी एक common thermocouple है, जिसका temperature range 210°C  से 1200°C तक होता है।
  • T-type thermocouple:- इसका temperature range - 200°C  से 370°C तक होता है, ये thermocouple low तापमान application के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
  • E- Type thermocouple:- इसका temperature range 270°C से 1000°C तक होता है, ये thermocouple low to moderate तापमान application के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
  • N- Types thermocouple:- इसका temperature range - 270°C se 1300°C तक होता है, ये thermocouple High तामपान application के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
  • S- Type thermocouple:- इसका temperature range 50°C से 1750°C तक होता है, ये thermocouple High temperature application के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
  • R-Type thermocouple:- इसका प्रयोग रेंज  50°C se 1750°C तक होता है, ये thermocouple High temperature application के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
इनमें से किस प्रकार का thermocouple इस्तेमाल करना है, उसका चुनाव आपका जरूरत के अनुसार किया जाता है।


Advantages and Disadvantages of Thermocouple (Thermocouple के फायदे और नुकसान)


Thermocouple के बहुत सारे फायदे होते हैं -
  • Wide Temperature Range- Thermocouple High temperature range के लिए काफी उपयोगी होते हैं, जोकि -200°C से लेकर 2000°C तक हो सकते हैं।
  • Fast Response Time:- Thermocouple बहुत ही फास्ट रिस्पॉन्स टाइम के साथ काम करते हैं, जिसमें से कुछ माइक्रोसेकंड्स तक का रिस्पॉन्स टाइम भी हो सकता है।
  • Durable और Rugged:- thermocouple मैकेनिकल shocks, vibrations, और हाई प्रेशर को easily सहन कर सकते हैं, इसलिए ये durable और rugged होते हैं।
  • Small and Compact:- thermocouple का साइज छोटा औरकॉम्पैक्ट होता है, जिससे की ये आसानी से फिट हो जाते हैं और उन्हें इंस्टॉल करना काफी आसान होता है।
  • Wide Rage of Application:- thermocouples के वाइड temperature range की वजह से इन्हें बहुत सारे एप्लीकेशन में प्रयोग किया जाता है, जैसे कि industrial process, Automotive, Aerospace, Medical Equipment और Library Experiments।
  • Easy to use:- Thermocouple बहुत ही सिंपल और easy to use होते हैं,और इन्हें calibrate करना भी बहुत easy होता है, इसलिए इन्हें वाइड रेंज ऑफ एप्लीकेशन में प्रयोग किया जाता है।

Thermocouple एक प्रकार का temperature range है जो दो अलग अलग खातों के संयोग से temperature का अनुमान लगाता है। Thermocouple के कुछ नुकसान नीचे दिए गए हैं:-

  • Accuracy:- thermocouple के बहुत से प्रकार होते हैं, जिनमें से कुछ का accuracy काफी हद तक कम होता है, इसलिए  आपको अपने उपयोग के अनुसार सही प्रकार का thermocouple चुनना चाहिए।
  • Temperature Range:- हर एक thermocouple के लिए एक निश्चित temperature range होता है, जिनके बाहर उनका उपयोग करने से उनकी performance में गिरावट होती है।
  • Response time:- Thermocouple का रिस्पॉन्स टाइम भी उसके प्रकार पर निर्भर करता है, कुछ thermocouple बहुत तेज होते हैं, लेकिन कुछ की प्रतिक्रिया धीमी होती है।
  • Environmental Effect:-  Thermocouples के उपयोग को प्रभावित करने वाले अनेक प्रकार के पर्यावरणीय effect होते हैं जेसे कि electromagnetic interference (EMI),moisture, dust, और। केमिकल इन सभी फैक्टर से thermocouple के अनुसार होने वाले नुकसान को रोका जा सकता है।
  • Lifespan:- Thermocouple की लाइफस्पैन उसके डिजाइन उपयोग के तरीके और उपयोग की स्थिति पर निर्भर करता है, जब आप उनका उपयोग करते हैं, तब आपको उन्हें सुरक्षित रखना होगा, ताकि उनकी lifespan लंबे समय तक रहे।
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What is an Resistance Temperature Detector (RTD) in Hindi

मई 13, 2023

Resistance Temperature Detector (RTD) in Hindi
Resistance Temperature Detector (RTD)

RTD (Resistance Temperature Detector) एक Electronics Sensor है जो Temperature को मापने के लिए प्रयोग किया जाता है. RTD ohm's laws के सिद्धांत पर काम करता है। जो एक conductor में current फ्लो करने पर उसमें वोल्टेज drop करता है। जब एक RTD में करंट फ्लो होता है तो उसमें हीट जेनरेट होती है, और उसके Temperature के साथ resistance भी बदल जाती है ।

RTD एक वायर से बना होता है जिसका material platinum, nickel और copper हो सकता है। Platinum सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाने वाला RTD material है। क्यूंकि ये बहुत ही एक्यूरेट है और temperature range बहुत वाइड है।

RTD का आउटपुट resistance के change से मापा जाता है, एक RTD ka resistance तापमान के साथ linearly बदलता है, अगर temperature बड़ेगा तो resistance भी बड़ेगा, और अगर temperature घटेगा तो resistance भी घटेगा। RTD का resistance बहुत ही sensitive होता है, इसलिए बहुत ही एक्यूरेट तापमान मापने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है ।

Resistance Temperature Detector (RTD) in Hindi
RTD in Hindi

Types of RTD (RTD कितने प्रकार के होते हैं ?)

RTD ( Resistance Temperature Detector) कई प्रकार के होते हैं,  जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:-
  • Platinum RTD- इस प्रकार के RTD में प्लेटिनम का उपयोग होता है, ये सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले RTD's में  से एक है और इसकी एक्यूरेसी बहुत अधिक होती है।
  • Copper RTD- कॉपर RTD में कॉपर का उपयोग होता है, ये प्लेटिनम RTD के मुकाबले कम एक्यूरेट होते हैं, लेकिन इसकी कीमत भी कम होती है।
  • Nickle RTD- इस प्रकार के RTD में Nickle का उपयोग होता है, ये प्लेटिनम RTD के मुकाबले सस्ती होती है, लेकिन इसकी accuracy भी कम होती है।
  • Thermistor RTD - इस प्रकार की RTD में thermistor का उपयोग होता है जो सेमीकंडक्टर मैटेरियल से बना होता है, ये सबसे सस्ते RTD's में से एक है, लेकिन इसकी एक्यूरेसी भी कम होती है।
ये कुछ प्रमुख RTD के प्रकार  हैं, लेकिन अन्य RTD's भी होती हैं जैसे:- गोल्ड, सिल्वर, और lead's RTD's जो अलग अलग उपयोग के लिए बनाए जाते हैं।

RTD in Hindi
RTD Connection in Hindi

RTD Advantages & Disadvantages (RTD के फायदे और नुकसान)

RTD (Resistance Temperature Detector) एक ऐसा सेंसर है जो तापमान के change को electrical signal में बदलता है। इसका इस्तेमाल तापमान मापने के लिए किया जाता है। RTD के लगाने के फायदे और नुकसान नीचे दिए गए हैं।


Advantages

  • High Accuracy: RTD सेंसर बहुत ही एक्यूरेट होते हैं और उनका तापमान रीडिंग बहुत ही precise होती है, इसलिए इनका इस्तेमाल तापमान सेंसिटिव application में किया जाता है, जहां High Accuracy की आवश्यकता होती है।
  • Wide Temperature Rage - RTD सेंसर बहुत ही वाइड तापमान रेंज में काम करते हैं,typically - 200°C se 800°C  तक।
  • Linear Response: RTD सेंसर के रिस्पॉन्स लीनियर होता है, इसका मतलब ये है कि उनका आउटपुट बहुत ही predictable होता है और उनके रीडिंग के बीच लीनियर relationship होता है।
  • High Stability: RTD sensors बहुत स्टेबल होते हैं और उनका रिस्पॉन्स टाइम बहुत ही कम होता है।

Disadvantages

  • Cost :- RTD सेंसर thermocouple सेंसर से महंगी होते हैं, इसलिए इनका इस्तेमाल कॉस्ट -सेंसिटिव एप्लीकेशंस नहीं किया जाता है।
  • Current Limitation:-RTD सेंसर बहुत ही लो करेंट आउटपुट के साथ काम करते हैं। इसलिए उनके आउटपुट सिग्नल में एम्प्लीफायर की जरूरत होती है।
  • Fragility: RTD सेंसर बहुत ही fragile होते हैं और इन्हें रफ handling से बचाया जाना चाहिए, इनका mishandling उनके accuracy को affect कर सकता है।
  • Non-Linearity : अगर RTD सेंसर का मैटेरियल चेंज हो जाता है या फिर उनका डिजाइन डिफेक्टिव हो जाता है तो उनका आउटपुट नॉन- लीनियर हो सकता है।
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What is an Resistance Temperature Detector (RTD) in Hindi What is an Resistance Temperature Detector (RTD) in Hindi Reviewed by Jagdish on मई 13, 2023 Rating: 5

Future of Automation in India | Future in Automation| Hindi

अक्तूबर 22, 2021
नमस्कार दोस्तों, आपको Automation क्यों सीखना चाहिए या फिर भारत या बाकी देशों में Automation का क्या भविष्य हैं? ये सवाल अक्सर सभी Students के मन में होता हैं, और ये सवाल सबसे ज्यादा तब परेशान करता हैं जब College के आखिरी 6 महीने बचे होते हैं या फिर हम अपनी पहली नौकरी की तलास मे होते हैं |

future of automation in India
Future of automation in India

IFR यानि की International Federation of Robotics के अनुसान The World's Top Automated Countries (15 Country) में सबसे ऊपर आता हैं Singapore और सबसे नीचे हैं Belgium and Luxemburg देश, जहां Singapore में हर 10,000 Workers पर 918 Industrial Robots इस्तेमाल किए जाते हैं तो Belgium and Luxemburg में 149 Industrial Robots लेकिन इन top 15 Countries में भारत के साथ - साथ ज्यादातर एशियाई देश नहीं हैं जैसे नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि, तो इससे ये समझा जा सकता हैं की भारत के साथ - साथ ज़्यादातर सभी एशियाई देशों में Automation के ऊपर अभी भी बहुत काम होना बाकी हैं |

Automation in hindi
IFR (International Federation of Robotics)

ऑटोमेशन में भविष्य और स्कोप (Future and Scope in Automation)

future of automation in india
Future and Scope in Automation

World Economic Forum की एक रिपोर्ट के अनुसार Automation की वजह से हर 4 वर्कर्स मे से 1 की नौकरी खतरे में हैं, अब जहां Automation की वजह से लोगों की नौकरिया जा रही हैं वही बहुत सी नई नौकरिया पैदा भी हो रही हैं, जिनके पास PLC Programming, DCS, SCADA, AutoCAD, ePlan, Industrial Internet of Things (IIoT), Home Automation, Machine Learning इनमे से किसी की भी knowledge हैं तो ऐसे लोगो की डिमांड Industry को बहुत ज्यादा होती हैं| भारत में अभी हमारी Industries Automation की तरफ बड रही हैं और जैसे - जैसे Automation बड्ता जाएगा तो नए स्किल्ड वोर्करस की डिमांड भी बहुत ज्यादा बड़ जाएगी|
भारत में Automation का स्कोप बहुत ज्यादा हैं और ये आने वाले समय में बहुत तेजी से बडने वाला हैं, तो आप ये बोल सकते हैं की आने वाले समय में एक high salary job उसी को मिलने वाली हैं जिसके पास Automation से संबन्धित कोई skill होगा|

Automation में Carrier कैसे बनाए ?


हमारे Colleges के Syllabus में Automation से संबन्धित कुछ Chapter तो हैं लेकिन उतना नहीं की हमको उस knowledge की वजह से एक अच्छी जॉब मिल सके, आपको आज नहीं तो कल Automation को अपनाना ही पड़ेगा तो क्यू ना इस दिशा में आप आज से ही काम करना सुरू कर दें| अगर आप Electrical & Electronics Engineering के स्टूडेंट हैं या जॉब करते हैं या आप इलेक्ट्रिशियन हैं तो आपको PLC Programming, HMI Programming, Distributed Control System (DCS)Supervisory control and data acquisition (SCADA), AutoCAD Electrical, ePlan, Home Automation, Machine Learning, IIoT या Arduino इनमे से जो भी विषय आपको पसंद हो उसकी जानकारी लेनी सुरू करनी चाहिए|

future in automation
Future in Automation

आज के समय में Industries बहुत बड़े स्केल पर Industrial Robots का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि Production और Quality को बढ़ाया जा सके और labor cost कम की जा सकें, Industrial Robots में इस्तेमाल होने वाला सबसे महत्वपूर्ण डिवाइस होता हैं PLC (Programmable Logic Controller) और एक Robot में PLC बिलकुल वैसा ही हैं जैसे हमारे लिए हमारा दिमाक हैं|

आप Automation के जिस भी Sector में जाना चाहो उसके लिए आपको आज से ही काम सुरू कर देना चाहिए, आज के समय में बहुत से ऐसे माध्यम हैं जिनकी मदद से आप Automation से संबन्धित कुछ भी सीख सकते हो और सबसे बड़ा माध्यम हैं YouTube जहां आपको free में बहुत कुछ सीखने को मिलता हैं, लेकिन इसमे समय लगता हैं और YouTube पर आपको किसी भी विषय में एक Systematic तरीके से सीखने को नहीं मिलता और अगर आपको कोई doubt हो या कोई सवाल करना हो तो मुश्किल हो जाती हैं फिर दूसरा तरीका हैं की आप कोई Offline या Online कोर्स जॉइन कर सकते हैं, जहा आप अच्छे से सीख भी पाओगे और अपने doubts भी clear कर पाओगे|

Automation Online सीखना चाहिए या Offline?


Covid के आने के बाद भारत में Learning process पूरी तरीके से बदल गया हैं और सुरुवात में इस बदलाव को अपनाना Educators और Students दोनों के लिए मुसकिल था लेकिन अब सब आसान हो चुका हैं| Western Countries के लिए Online Learning पहले से ही आम बात थी लेकिन हमारे लिए ये सब नया था|

Automation course in hindi
Automation

Automation एक ऐसा विषय हैं जिसको आप 2 या 3 महीने के किसी Course को करके नहीं सीख सकते, इसके लिए आपको रेगुलर प्रैक्टिस करनी होगी| आप चाहे कोई Online Classes जॉइन करो या Offline Classes बस आपको ध्यान इतना देना चाहिए की आपका कोर्स खत्म होने के बाद भी अगर आपका कोई Doubt हो या अगर उस विषय से संबन्धित अगर आपको कुछ पुछना हो तो आप उनसे पूछ सको| अगर आपको Online या Offline कोई ऐसा कोर्स मिलता हैं जहां आप lifetime कभी भी अपने doubts clear कर सको तो इस टाइप के courses आपके लिए सबसे बढ़िया होंगे|

Automation में Learn EEE आपको PLC Programming और AutoCAD Electrical सीखने का मौका देता हैं, अगर आप Learn EEE का कोई भी कोर्स जॉइन करते हैं तो आपको सभी Courses की lifetime validity मिलती हैं और Learn EEE के सभी Courses के लिए अलग - अलग ग्रुप बने हैं जहां आप अपने doubts clear कर सकते हो और आप इन groups में भी lifetime तक रहते हो तो lifetime कभी भी आप अपने doubts clear कर सकते हो और आप अपने Doubts WhatsApp पर भी clear कर सकते हो| Learn EEE के Courses की जानकारी आपको नीचे दिए लिंक से मिल जाएगी या आप WhatsApp पर भी Courses की जानकारी ले सकते हैं|


तो दोस्तो हमको उम्मीद हैं की अब आपको पता लगा होगा भारत में Automation का क्या Scope हैं और कैसे आप Automation के Sector में अपना भविष्य बना सकते हो, फिर भी अगर आपका इस टॉपिक से संबन्धित कोई भी doubt हो या अगर आपको कुछ भी जानना हो तो क्रप्या हमको नीचे comment box में जरूर बताय, आपके सवालों के जवाब देने में हमको खुशी होगी|

अगर आप इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिकल ऑटोमेशन बिलकुल आसान भाषा हिंदी में सीखना चाहते हैं तो आप हमारा यूट्यूब चैनल Learn EEE को नीचे लाल रंग के सब्सक्राइब के बटन पर क्लिक करके सब्सक्राइब कर सकते हैं।
Future of Automation in India | Future in Automation| Hindi Future of Automation in India | Future in Automation| Hindi Reviewed by learn che on अक्तूबर 22, 2021 Rating: 5

Why should we learn AutoCAD Electrical |AutoCAD Electrical क्यों सीखना चाहिए|

अगस्त 14, 2021

नमस्कार दोस्तो! मैं हूँ जगदीश जोशी, अगर आप Electrician, Diploma या BE/B-tech के स्टूडेंट हैं या जॉब करते हैं तो आपको AutoCAD Electrical क्यों सीखना चाहिए? इस पोस्ट में आपके इस सवाल का आपको जवाब मिलेगा|

AutoCAD Electrical in Hindi
AutoCAD Electrical in Hindi

AutoCAD Electrical क्या हैं ?

AutoCAD Electrical एक Tool/Software है Autodesk का और Autodesk एक अमेरीकन कंपनी है जो Electrical, Electronics, Mechanical और Civil Architecture से संबन्धित Software बनाती है| AutoCAD Electrical Software की मदद से आप किसी भी तरह की Electrical Schematic Drawing या Electrical Panels को डिज़ाइन कर सकते हो, और जो panel आपने design किया होगा उसके लिए आप Bill of Materials Report, Components Report आदि भी Generate कर सकते हो|

AutoCAD Electrical Software में आपको हजारों Electrical & Electronic Symbols मिलते हैं जिनकी मदद से आप अपनी Drawing को बिल्कुल professional तरीके से बना सकते हो और उन सभी Symbols के footprints की मदद से आप Electrical Panel भी डिज़ाइन कर सकते हो| अगर आपको AutoCAD Electrical Software में किसी Component का Symbol नहीं मिलता है तो आप उस Component का Symbol खुद design करके Software में लिस्ट करवा सकते हो जिसको आप कभी भी अपनी drawing में इस्तेमाल कर सकते हो|

 AutoCAD Electrical क्यों सीखना चाहिए ?


AutoCAD Electrical Design
AutoCAD Electrical Design
अगर आप ITI Electrician, Electrical Diploma, BE/B-tech के विध्यार्थी हैं  या आप जॉब करते हैं तो आपको AutoCAD Electrical जरूर सीखना चाहिए क्यूंकि इस Software को सीखने से आप किसी भी तरह की Electrical Drawing और Electrical Panels को डिज़ाइन करना सीखते हो, आपको पता लगता है की जो Electrical drawing आप Industry में इस्तेमाल करने वाले हो या कर रहे हो वो कैसे बनती है और अगर आपको Electrical Drawing पढ़नी नही आती है तो आप Electrical Software को सीखने के बाद Electrical Drawing पढ़ना भी सीख जाते हो और हजारों Electrical & Electronics Symbols की भी आपको जानकारी हो जाती है, जिनका पता आपको आपकी किताबों से भी नहीं चलता, अगर आपको AutoCAD Electrical Software की अच्छे से जानकारी हो जाती  है तो आपको किसी भी Electrical Panels Manufacturing कंपनी में एक अच्छी ख़ासी जॉब मिल सकती हैं|

AutoCAD Electrical Softwa

re कैसे Download करें ?

AutoCAD Electrical Software को आप Autodesk की official website से download कर सकते हो, अगर आप जॉब करते हैं तो आपको ये AutoCAD Electrical Software 1 महीने के free trial के लिए मिलता है और उसके बाद अगर आप चाहें तो इसका paid license ले सकते हैं, अगर आप Student हैं तो AutoCAD Electrical Software का license आपको 1 साल के लिए free में मिल जाता है और अगर 1 साल के बाद भी आप eligible हुए तो आपके license का समय बड़ाया भी जा सकता है|


Autodesk हर साल AutoCAD Electrical Software का एक नया version निकालता है जैसे की AutoCAD Electrical 2020, AutoCAD Electrical 2021, AutoCAD Electrical 2022 और अभी latest AutoCAD Electrical 2023 Electrical 2024 है, आप AutoCAD Electrical Software के किसी भी version में सीख सकते हो या अगर आप चाहो तो अपने software को update भी कर सकते हो| AutoCAD Electrical Software को आप सिर्फ Laptop/Desktop पर ही इस्तेमाल कर सकते हो इसकी कोई Android App नहीं है|

मेरे पास Laptop/Desktop नहीं हैं, क्या मुझे AutoCAD Electrical सीखना चाहिए ?

AutoCAD Electrical Course in Hindi
AutoCAD Electrical in Hindi

ये सवाल बहुत से Students के मन में होता है किअगर मेरे पास laptop/desktop नहीं हैं तो क्या मुझे AutoCAD Electrical सीखना चाहिए या नहीं?आप AutoCAD Electrical के लिए Offline Institute जॉइन करते हैं और वहा सीखते हैं, लेकिन अगर आपके पास Laptop/Desktop नहीं हैं तो क्या आपने कभी सोचा हैं की Offline सीखने के बाद आप practice कैसे करोगे ? दो तरह के Students होते हैं, एक वो जो सच में सीखना चाहते हैं और उनके लिए knowledge ही सब कुछ हैं जो भविष्य में कभी ना कभी उनके काम आने वाली हैं और एक सही knowledge भविष्य में कभी ना कभी आपके काम जरूर आती हैं और दूसरे वो जिनको knowledge से कोई मतलब नहीं है उनको तो सिर्फ Certificate चाहिए ताकि वो अपने Resume में ज्यादा से ज्यादा Certificates दिखा सके जोकि उनके किसी काम नहीं आने वाला और इस बात की संभावना ज्यादा है कि  बिना knowledge के Certificates ऐसे बच्चों का नुकसान ही करेगी|

दोस्तों अगर आप सच में AutoCAD Electrical सीखना चाहते हैं और नई चीजें सीखना आपको अच्छा लगता है तो इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता की आपके पास Laptop/Desktop हैं या नहीं लेकिन ये इस बात पर निर्भर करेगा की आप AutoCAD Electrical कहाँ से सीख रहे हो? अगर आप किसी Offline Institute से इस कोर्स को सीख रहे हैं तब तो आपके पास Laptop/Desktop होना जरूरी है नहीं तो आपके कोर्स खत्म होने के बाद से लगभग 1 से 2 महीनों में ही आप सब भूल जाओगे और ये कोई Offline Institute वाला आपको नहीं बताएगा, लेकिन अगर आप कोई Online Course लेते हो तो ज्यादातर Online Courses lifetime Validity के होते हैं इसका मतलब है की वो कोर्स अब आपके पास Lifetime तक रहेगा तो जब आपका मन करे आप अपना Revision कर सकते हो और अगर आपको कोई ऐसा Online Course मिले जहां आपको lifetime course validity के साथ - साथ lifetime technical support भी मिलें, मतलब की आप lifetime कभी भी अपने doubts clear कर सको तो आपको ऐसे ही courses जॉइन करने चाहिए, ताकि भविष्य में आप कभी भी laptop/desktop लें तो आप practice कर सकें|

अगर आप भविष्य में सिर्फ Electrical Designer ही बनना चाहते हैं, जोकि सिर्फ 0.5 % लोग ही बन पाते हैं क्योकि इस सैक्टर में स्कोप ही इतना है तब तो आपके पास laptop/desktop होना ही चाहिए आप बिना laptop/desktop के offline या online कोई भी कोर्स जॉइन मत करो लेकिन अगर आप सिर्फ knowledge के लिए AutoCAD Electrical सीखना चाहते हैं ताकि आपको हजारो Electrical & Electronics Symbols, Schematic Drawing, Electrical Panels, Electrical Components, Electrical Drawing पढ़ना, Electrical Reports, Symbols कैसे design करते हैं आदि सीखना है तो जरूरी नहीं की आपके पास laptop/desktop होना ही चाहिए अगर नहीं भी हैं तो आपको फिर भी AutoCAD Electrical से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा|

AutoCAD Electrical कहाँ से सीखें ?

आप AutoCAD Electrical को offline या online कही से भी सीख सकते हैं, आजकल offline मार्केट में ऐसे बहुत से Institutes हैं जो सिर्फ 3 घंटों में या सिर्फ 2 दिन में AutoCAD Electrical सिखाने का वादा करते हैं, आपको ऐसे Institutes से बचना चाहिए ये एक ऐसा कोर्स है जो रेगुलर प्रैक्टिस मांगता है तो आपको कोई ऐसा Institute जॉइन करना चाहिए जो अच्छे से आपको समझाए और हो सके तो जिनसे आप कोर्स खत्म होने के बाद भी अपने doubts clear कर सको|

AutoCAD Electrical Software का online course इंग्लिश में तो आपको बहुत से मिल जाएंगे, लेकिन उन कोर्स को जॉइन करने के बाद अगर आपका कोई doubt होता है तो आप वहाँ अपने doubts clear नहीं कर सकते और अगर doubt clear भी होता हैं तो बहुत दिनों में जवाब मिलता हैं और AutoCAD Electrical Software के हिन्दी में बहुत ही कम course हैं|

AutoCAD Electrical Course in Hindi
AutoCAD Electrical Course in Hindi

अगर आप AutoCAD Electrical Software को बिल्कुल basic से advance तक सीखना चाहते हैं तो आप Learn EEE का AutoCAD Electrical का course जॉइन कर सकते हैं, Learn EEE के Android App में सभी courses के लिए अलग-अलग Groups बने हुए हैं जहां आप अपने doubts clear कर सकते हो, Android App में ही आप Direct Instructor को message करके अपना सवाल पूछ सकते हो और यहाँ आपको 20 मिनट के अंदर-अंदर सभी सवालों का जवाब मिल जाएगा और अगर आप चाहें तो WhatsApp पर भी अपने doubts clear कर सकते हैं और आप इस course को Android App या laptop/desktop पर access कर सकते हैं| Android App में आप अपने lectures को Download करके Offline भी देख सकते हैं|

Learn EEE के सभी courses की validity lifetime रहती हैं और आप इन groups में भी lifetime तक रहते हो, अगर आपका कोर्स खत्म भी हो जाता हैं तो आप lifetime कभी भी इन groups में या WhatsApp पर अपने doubts clear कर सकते हो बाकी AutoCAD Electrical Course in Hindi के बारें में ज्यादा जानकारी के लिए आप नीचे दिए लिंक पर क्लिक कर सकते हैं या फिर Learn EEE का Android App download कर सकते हैं| 


मुझे उम्मीद है की इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको पता लगा होगा की आपको AutoCAD Electrical क्यों सीखना चाहिए, फिर भी अगर आपका AutoCAD Electrical से संबन्धित कोई भी सवाल है तो हमें  Comment करके जरूर बताए आपकी मदद करने में हमें बहुत खुशी होगी |

अगर आप इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिकल ऑटोमेशन बिल्कुल आसान भाषा हिंदी में सीखना चाहते हैं तो आप हमारा यूट्यूब चैनल Learn EEE को नीचे लाल रंग के सब्सक्राइब  बटन पर क्लिक करके सब्सक्राइब कर सकते हैं।
Why should we learn AutoCAD Electrical |AutoCAD Electrical क्यों सीखना चाहिए| Why should we learn AutoCAD Electrical |AutoCAD Electrical क्यों सीखना चाहिए| Reviewed by learn che on अगस्त 14, 2021 Rating: 5

How to Calculate Your Inverter/UPS Battery Backup Time in hindi. Calculate Battery Backup Time

दिसंबर 30, 2019
इस पोस्ट को पढने के बाद आपको पता लग जाएगा की किस प्रकार से हम अपनी Inverter या UPS की battery का backup time निकाल सकते हैं | इस पोस्ट में हम आपको दो तरीके बताएँगे जो भी तरीका आपको पसंद आए आप उस तरीके को  battery का backup time निकलने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं , तो चलिए सुरू करते है:-

Calculate Battery Backup Time.

किसी भी battery का backup time निकालने के लिए हम  कुछ बातें पहले से पता होनी चाहिए जैसे की, हम battery पर कुल  कितना load (watt) connect करने वाले हैं  ? battery voltage कितना है ? battery कितने Ah की है ? और battery की कितनी क्षमता (Efficiency) इस्तेमाल करनी है ? 

battery voltage, battery Ah और battery efficiency तो हमको battery से मिल जाएगी, लेकिन load हमको कैलकुलेट करना पड़ेगा जिसको हम battery voltage से inverter की मदद से चलाने वाले है ? माना की हमारे घर का load 1000 watt है जोकि हम inverter से connect करने वाले है| battery backup निकालने का फार्मूला होगा:-

h = battery Ah * battery voltage * number of battery * efficiency / total load 

माना 
Battery Ah :- 120 Ah
Battery Voltage :- 12V
Number of Battery :- 1 
Efficiency :- 80%    (0.8) (किसी भी battery को 80% ही इस्तेमाल किया जाता है)
Total load :- 1000 watt

इस प्रकार battery backup time होगा :-

= 120*12*1*0.8 / 1000 h
= 1152 / 1000 h
= 1.15h
1000 watt के load पर 120 Ah की battery 1.15h का backup देगी| चलिए अब दुसरे तरीके से निकालते है :-
Total load :- 1000 Watt
Battery voltage :- 12V
Efficiency :- 80%    (0.8)
Discharge Current :- Total Load/battery voltage
Discharge Current = 1000 watt/12V = 83.33A

Battery Backup Time निकालने का formula होगा :-

h = Battery Ah * Efficiency / Discharge Current

इस प्रकार battery backup होगा :-

= 120 * 0.8 / 83.33 h 
= 96 / 83.33 h 
= 1.15 h 
1000 watt के load पर 120 Ah की battery 1.15h का backup देगी|
तो देखिए इस प्रकार से हम दोनों तरीको को इस्तेमाल करके battery का backup निकाल सकते हैं, दोनों ही formula इस्तेमाल करने पर हमारा backup time एक ही आया तो आप आपनी  सुविधानुसार कोइ भी तरीका इस्तेमाल कर सकते हैं  |

आपको ये पोस्ट कैसी लगी हमको नीचे comment करके जरुर बताए और आप इस topic को विडियो के माध्यम से भी समझ सकते है जोकि पोस्ट के नीचे आपको मिल जाएगी |

How to Calculate Your Inverter/UPS Battery Backup Time in hindi. Calculate Battery Backup Time How to Calculate Your Inverter/UPS Battery Backup Time in hindi. Calculate Battery Backup Time Reviewed by Joshi Brothers on दिसंबर 30, 2019 Rating: 5

Calculate kw to hp and hp to kw in Hindi |Convert kw to hp and hp to kw|

दिसंबर 23, 2019
अक्सर motor की rating hp/kw में होती है लेकिन कुछ लोग जब किसी motor की rating hp/kw में देखते हैं  जो वो कंफ्यूज हो जाते है की hp को kw में कैसे बदला जाए ? या kw को hp में कैसे बदला जाए ? ये पोस्ट उन सभी दोस्तों के लिए है जो जानना चाहते हैं  कि  कैसे hp को kw में और kw को hp में बदला जाता है, इस पोस्ट में हम विस्तार  में बात करेंगे Calculate kw to hp and hp to kw in Hindi, |Convert kw to hp and hp to kw| के topic पर| hp को kw में और kw को hp में बदलने के लिए आपको दो बातों का पता होना बहुत जरुरी है। पहला तो ये की 1 hp में 746 watt होते हैं, और दूसरा 1 kw में 1000 watt होते हैं अगर आप हमारी सभी latest पोस्ट का update पाना चाहते हो , तो आप हमको Instagram पर Follow कर सकते हैं , क्योकि सभी latest पोस्ट हम Instagram पर update करते रहते है | तो चलिए देखते है अब की, hp को kw में और kw को hp में कैसे बदलते है ?

hp को kw में कैसे बदलते है ? Convert hp to kw.


जैसा की हमने जाना की 1 kw में 1000 watt होते है और 1 hp में 746 watt होते है, अगर आपके पास कोई ऐसी motor है जिसकी rating hp में है और आपको उसे kw में बदलना है तो सबसे पहले आपको hp को watt में बदलना होगा, जैसे की 1 hp है तो 1 * 746 = 746 watt इसी प्रकार 2 hp की motor हो तो 2 * 746 = 1492 watt. अब हम जानते हैं  की 1 kw में 1000 watt होते है तो हमको अब अगर 1 hp को kw में बदलना है तो हम 746 को 1000 से भाग दे देंगे, भाग देने पर हमको जो संख्या मिलेगी वो kw होगी| जैसे 746 / 1000 = 0.746 kw ठीक इसी प्रकार अगर हमको 2 hp को kw में बदलना है तो हम 1492 को 1000 से भाग दे देंगे जैसे की 1492 / 1000 = 1.492 kw इस प्रकार से हम hp को आसानी से kw में बदलते है|


KW को HP में कैसे बदलते है ? Convert KW to HP.

अब हम जान चुके है की 1 kw में 1000 watt होते है और 1 hp में 746 watt होते है, अब अगर आप किसी kw को hp में बदलना चलते है तो आपको सबसे पहले kw को watt में बदलना होगा जैसे की 1 * 1000 = 1000 watt इसी प्रकार 2 kw हो तो 2 * 1000 = 2000 watt, kw को watt में बदलने के बाद अब हम इस watt को 746 से भाग दे देंगे जैसे की 1000 / 746 = 1.34 hp, ठीक इसी प्रकार से 2 kw हो तो 2000 / 746 = 2.68 hp. इस प्रकार से आप किसी भी kw को बड़ी ही आसानी से hp में बदल सकते हो|


दोस्तों हम उम्मीद करते हैं कि आपको दी गई जानकारी पसंद आई होगी और अगर आपका भी ये doubt था तो वो अब खत्म हो गया होगा, आपको ये पोस्ट कैसी लगी कृपया  हमको नीचे  comment करके जरुर बताए|

Calculate kw to hp and hp to kw in Hindi |Convert kw to hp and hp to kw| Calculate kw to hp and hp to kw in Hindi |Convert kw to hp and hp to kw| Reviewed by Joshi Brothers on दिसंबर 23, 2019 Rating: 5

Series Testing Board Connection and Working in Hindi, Full Explanation about series testing board

दिसंबर 04, 2019
आपने कभी ना कभी series testing board का इस्तेमाल जरुर किया होगा, किसी motor की winding को चेक करने के लिए या फिर किसी दूसरे  circuit को चेक करने के लिए| इस पोस्ट में हम series testing board बनाना सीखेंगे  और ये भी जानेंगे कि  series testing board कैसे कम करता है ? अगर आप हमारी सभी latest पोस्ट का update पाना चाहते हैं , तो आप हमको Instagram पर Follow कर सकते हैं , क्योकि सभी latest पोस्ट हम Instagram पर update करते रहते हैं | तो चलिए समझ लेते है:-

Series testing board in hindi
Series Testing Board

6A and 16A Switch Connection.


series testing board को समझने से पहले हम ये जान लेते हैं कि  हम किसी भी electrical load को कैसे 220V के साथ में Switch की मदद से control करते है ?
देखए किसी भी ac load को चालू करने के लिए हमको 220V की जरुरत होती है , जिसमे की 2 wire होते हैं, phase wire और neutral wire. अब मान के चलते हैं  की हमारे पास एक 100W का Bulb है, अब जब तक हम उस blub को phase wire और neutral wire दोनों के साथ नही जोड़ देते तब तक ये bulb on नही होगा और जैसे ही हम phase wire और neutral wire को इस bulb के साथ में जोड़ देते है तो bulb on हो जाता है| हमारे घरो में अगर हमको अपने room की लाइट on करनी होती है तो हम switch को on करते है और हमारी light on हो जाती है| अब यहाँ पर switch की मदद से लाइट को control किया जाता है, जैसा की नीचे diagram में दिखाया गया है| अगर हमको किसी भी bulb का connection करना  है तो हम सबसे पहले अपनी phase wire और neutral wire में से neutral wire को सीधे ही bulb के साथ में जोड़ देते हैं , अब बचता है phase wire, इसको हम एक switch की मदद से bulb को दते है| switch हमेसा series में लगाया जाता है और इससे हमेसा phase wire को ही control करना चाहिए|

Series Testing Board Connection and Working in Hindi
Switch and Bulb Connection

6A and 16A Socket Connection.


अब हम बात करते हैं  socket के connection की तो देखिए, जिस प्रकार से हमने एक switch से bulb को control किया था ठीक उसी प्रकार से हम एक switch की मदद से socket को भी control करते हैं | socket में आपको तीन टर्मिनल देखने को मिलेंगे, जो टर्मिनल सबसे बड़ा और सबसे ऊपर की तरफ होता है उसमें earth wire को जोड़ा जाता है और बाकी के नीचे  जो दो टर्मिनल होते हैं  उनमें हम एक में neutral wire और दूसरे में phase wire को जोड़ा जाता है| Neutral wire  को socket में सीधे ही जोड़ दिया जाता है, जैसा की नीचे  आपको diagram में दिखाया गया है और phase wire को  switch  कीमदद से socket को दिया जाता है| socket में भी हम switch की मदद से phase wire को ही control करते हैं | 

Series Testing Board Connection and Working in Hindi
Socket and Switch Connection

Series Testing Board Connection and Working. (सीरीज टेस्टिंग बोर्ड के कनेक्शन)


अब तक हमने सीख  लिया की किस प्रकार से हम switch की मदद से किसी भी load को control कर सकते है और कैसे हम socket के connection करते हैं  ? series testing board को बनाने के लिए हमको एक bulb और holder, एक switch, एक socket और एक switch and socket base की जरुरत होती है| जैसा की हमने ऊपर जाना की हम किसी भी load के connection करते समय neutral wire को सीधे ही सर्किट के साथ जोड़ देते हैं , तो ठीक उसी प्रकार से हम यहाँ भी bulb holder के साथ neutral wire को जोड़ देंगे और phase wire को हम switch और socket की मदद से व दिए गए diagram की मदद से connect कर देंगे| series testing board में हम switch और socket को series में लगा देते हैं , ऐसा करने से bulb तब तक चालू नही होगा जब तक हम socket के दोनों टर्मिनल्स को आपस में शोर्ट ना कर दें| अब बात आती है की series testing board को कहाँ पर इस्तेमाल किया जाता है ? series testing board की मदद से हम किसी भी electrical fault को check कर सकते है,  motor या fan की winding को चेक करने के लिए| motor winderसिरीज़ टेस्टिंग बोर्ड का इस्तेमाल करते हैं ।

तो दोस्तों ये था series testing board का connection और इसकी working. आपको ये पोस्ट कैसे लगी हमको नीचे comment box में जरुर बताए और अगर आप इस topic को और भी अच्छे तरीके से विडियो के माध्यम से देखना चाहते है तो आप Learn EEE के YouTube channel पर देख सकते है, या फिर इस पोस्ट के निचे जो विडियो है उसको देख सकते है, आपके जो भी doubt होंगे वो सभी clear हो जाएँगे|

Series Testing Board Connection and Working in Hindi, Full Explanation about series testing board Series Testing Board Connection and Working in Hindi, Full Explanation about series testing board Reviewed by Joshi Brothers on दिसंबर 04, 2019 Rating: 5

Servo Motor - Working, Construction, Types, Uses and Controller in Hindi. Servo and Servo Mechanism

नवंबर 11, 2019
इस पोस्ट को पढने के बाद आपको सर्वो motor के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी मिल जाएंगी, आप इस topic को विडियो को मध्यम से भी समझ सकते हैं जिसको हमने Learn EEE के youtube channel पर upload किया हुआ है | जैसा की आपको पता होगा की हमारी सभी motors Electrical Energy को Mechanical Energy में बदलती है, ठीक इसी प्रकार से Servo motor भी काम करती है| Servo Motor special purpose motor है जिसको सिर्फ special purpose के लिए ही इस्तेमाल किया जाता है, जैसा की आपने भी देखा होगा की हर जगह इस्तेमाल नही किया जाता है, तो फिर सवाल ये आता है की servo motor को कहा और क्यों इस्तेमाल किया है और servo motor ही क्यों इस्तेमाल की जाती है ? Toys, cnc machines, vmc machines, robotics और हर वो जगह जहां पर हमको अपने object को specific angle पर घुमाना हो या जहां पर हमको high starting torque चाहिए और high accuracy चाहिए वहाँ पर हम servo motor को इस्तेमाल करते है| जिस प्रकार से induction motor की rating HP या KW में होती है ठीक उसी प्रकार  से servo motor की rating KG/CM में होती है| अगर आप हमारी सभी latest पोस्ट का update पाना चाहते है, तो आप हमको Instagram पर Follow कर सकते है, क्योकि सभी latest पोस्ट हम Instagram पर update करते रहते है |

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Servo Motor - Working, Construction, Types, Uses and Controller in Hindi. Servo and Servo Mechanism
Servo Motor

What is the difference between a Servo Motor and an Induction Motor ?


Servo Motor और Induction Motor को जो चीज अलग करती है वो है इनका control system, servo motor closed loop control system पर काम करती है जिसको हम feedback system भी कहते है लेकिन induction motor open loop control system पर काम करने वाली motors है| induction motors का starting torque servo motors के मुकाबले बहुत कम होता है, induction motors की speed control, temperature control, breaking servo motor के मुकाबले काफी जटिल होती है जबकि हम servo motor की किसी भी angle में घुमा सकते है जैसे की अगर कही पर हमको सिर्फ 180 degree का ही rotation चाहिए तो हम servo motor की मदद से इसे भी प्राप्त कर सकते है लेकिन induction motors में ऐसा नही किया जा सकता |

servo motor का Construction कैसा है ?


जैसा की हमने जाना की servo motor closed loop control system पर काम करने वाली motor है जैसा की नीचे  block diagram में दिखाया गया है-
Servo Motor - Working, Construction, Types, Uses and Controller in Hindi. Servo and Servo Mechanism
servo motor block diagram


servo motor दो प्रकार के होती है AC servo motor और DC servo motor, servo motor का construction बाकी की motors से थोडा अलग होता है, servo motor में इस्तेमाल होने वाले पार्ट्स है-
  • motor.
  • Controller.
  • Reduction Gear.
  • Encoder/Potentiometer.
Reduction Gear:- एक आम motor की तरह ही servo motor में भी stator और rotor होते है लेकिन servo motor में rotor shaft के साथ ही एक reduction gear लगा होता है जिसकी वजह से इस motor का starting torque बाकी motors की तुलना में बहुत ज्यादा होता है|

Controller:- इस motor को control करने के लिए एक controller इस्तेमाल किया जाता है जो dc servo motors में microcontroller या arduino हो सकता है और ac servo motor में servo drive होती है| ac servo motor का operating voltage उस motor के manufacturer के ऊपर निर्भर करता है की motor की company कैसी  है, जैसे की fanuc का control system 3 phase 220V पर काम करता है इसमें एक PSM (Power Supply Module) लगा होता है जोकि 3 phase ac supply को 280V के आस पास dc supply में बदलकर servo drive को देता है और फिर servo drive इस dc supply को 3 phase ac supply में बदलकर servo motor को U V W देती है| नीचे  image में fanuc की servo drive को servo motor के साथ connect करके दिखाया गया है|
Servo Motor - Working, Construction, Types, Uses and Controller in Hindi. Servo and Servo Mechanism
Servo Motor with Controller (Servo Drive)


Encoder/Potentiometer:- servo motor में सबसे महत्पूर्ण काम करता है इसका encoder या potentiometer जोकि feedback के लिए इस्तेमाल किया जाता है| dc servo motor में potentiometer और ac servo motor में encoder इस्तेमाल किया जाता है, ac servo motor में encoder motor की rpm, motor का temperature, over torque जैसी जानकारी drive को encoder wire की मदद से feedback देता है| नीचे दी गई image में आपको servo motor के साथ encoder लगा हुआ  दिखाया गया है, इस image में जहां पर specification लिखी हुई  है वो encoder ही है जिसमें उसका model number और serial number जैसी और भी कई जानकारी लिखी गयी है|       

Servo Motor - Working, Construction, Types, Uses and Controller in Hindi. Servo and Servo Mechanism
Encoder for Servo Motor

Servo Motor कैसे काम करती है ?

Servo motor, servo mechanism पर काम करती है जैसा की हम ऊपर servo motor के सभी पार्ट्स के बारे में जान चुके है और हमको पता लग चुका  है की servo motor एक closed loop control system या feedback system पर काम करता है, जब हम servo motor के controller को servo motor को चालू करने की command देते हैं  तो controller उस command को चेक करके motor को supply के साथ जोड़ देता है और motor चालू हो जाती है, motor के rotor के साथ ही एक reduction gear box लगा होता है ये motor के अंदर ही होता है हमको बाहर से नही दिखता | gear box का काम motor का starting torque high करना होता है, gear box की shaft के साथ ही encoder भी लगा होता है जो motor की RPM का feedback controller को देता है जिसकी वजह से motor उतनी ही RPM पर चलती है जितना की controller को command दी जाती है या सिर्फ उसी angle पर rotate करती है जिस angle की command controller को दी जाती है| ,नीचे दिए गए closed loop control system के block diagram को ध्यान से देखिए-
Servo Motor - Working, Construction, Types, Uses and Controller in Hindi. Servo and Servo Mechanism
Closed Loop Control System for Servo Motor


हम उम्मीद करते हैं  की आपको ये पोस्ट पढने के बाद servo motor के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी फिर भी अगर आपके इस topic से related कोई doubt है तो आप नीचे  comment box में लिख सकते हैं  हम कोशिश  करेंगे की आपके सभी doubt clear करें या आप विडियो के माध्यम से भी इस topic को समझ सकते है आपको  विडियो   पोस्ट के आखिरी  में मिल जाएंगी| 

Servo Motor - Working, Construction, Types, Uses and Controller in Hindi. Servo and Servo Mechanism Servo Motor - Working, Construction, Types, Uses and Controller in Hindi. Servo and Servo Mechanism Reviewed by Joshi Brothers on नवंबर 11, 2019 Rating: 5

How to Use a BreadBoard in Hindi, BreadBoard Connections ब्रेडबोर्ड कैसे इस्तेमाल करते है ?

अक्तूबर 29, 2019
इस पोस्ट में आपको BreadBoard के बारे में जानने को मिलेगा की, BreadBoard क्या होता है ? क्यों इस्तेमाल किया जाता  है ? और इसके connection किस प्रकार किए जाते है ? इन सभी प्रश्नों के जवाब आपको इस पोस्ट को पूरी पढने के बाद मिल जायेंगे | इस पोस्ट के लास्ट में आप BreadBoard को विडियो के माध्यम से भी समझ सकते है, तो चलिए जानते है | अगर आप हमारी सभी latest पोस्ट का update पाना चाहते है, तो आप हमको Instagram पर Follow कर सकते है, क्योकि सभी latest पोस्ट हम Instagram पर update करते रहते है |

know all about breadboard in hindi
BreadBoard

BreadBoard क्या है और क्यों इस्तेमाल किया जाता है ?


अक्सर हम जब भी कोई Electronics Circuit को बनाते है तो सबसे पहले उस circuit का Diagram बनाते है और फिर उस Circuit को Plane PCB या फिर Printed PCB पर बनाते है, लेकिन कई बार हमारे द्वारा बनाया गया Circuit किसी वजह से काम नही करता या हमको PCB मे Soldering किए गए सभी Components को निकालना पड़ता है और फिर दोबारा से Circuit को Design करना पड़ता है | इस Process को इस्तेमाल करने से हमारा समय और पैसे दोनों ही बर्बाद होते है, क्योकि जरुरी नही की जिस Circuit को हम बना रहे है वो पहली ही बार में सही से काम करने लग जाए और अगर काम नही करेगा तो हमारी पूरी मेहनत खराब हो जाती है और PCB भी बेकार हो जाती है, इस सब से बचने के लिए हम BreadBoard का इस्तेमाल करते है, जब भी हमको कोई Circuit बनाना होता है तो हम सबसे पहले उस Circuit को BreadBoard पर बना के चेक कर लेते है, की क्या ये हमारे द्वारा बनाया गया Circuit सही से काम करेगा या नही ? अगर BreadBoard में बने Circuit में कोइ खराबी आती भी है तो हम उसी समय उस Circuit को बिना किसी ज्यादा पैसे और समय खर्च किए सही कर सकते है और जब हमारा Circuit पूरी तरह से सही बन जाए तब हम उस Circuit के लिए PCB Design कर सकते है |



BreadBoard में connection कैसे किए जाते है ?


अब आप सोच रहे होंगे की BreadBoard के connection किस प्रकार किए जाते है ? तो ये बहुत ही आसान है, सबसे पहले तो आप नीचे दिए गए BreadBoard को ध्यान से देखिये  और इसको समझने की कोशिश  कीजिये  -


breadboard connection in hindi
BreadBoard


जो आपको ये Image दिख रही है इसको हम BreadBoard बोलते है, इसमें आपको बहुत सारे होल दिख रहे होंगे इन होलो में हम Electronics Components को लगते है और एक Component को दूसरे  Component से jumper wire की मदद से जोड़ते है | निचे दिखाई गई फोटो jumper wire की है:-

jumper wires connection in hindi
Male Jumper Wires

इन jumper wire की मदद से ही BreadBoard में एक component को दूसरे component से जोड़ा जाता है, इस BreadBoard में आपको Positive और Negative के दो Symbol दिख रहे होंगे, BreadBoard में ऊपर और नीचे positive और negative वाली लाइन में Power Supply कनेक्ट होती है, आप चाहे तो ऊपर की तरफ जोड़ सकते है या फिर नीचे  की तरफ जोड़ सकते है, positive और negative वाली पूरी row एक दूसरे से internally connect होते हैं  और उसके ऊपर BreadBoard में जो आपको 1, 2, 3...... 30 नंबर दिखाई दे रहे होंगे, इसके column एक दुसरे से internally connect होते है जैसा की नीचे  दिए image में दिखाई दे रहा है:-

breadboard connection with jumper wires
Breadboard Connection


इस इमेज में हमने सर्फ कुछ ही columns को एक दुसरे से connected दिखाया  है लेकिन ये BreadBoard में 1 नंबर से 30 नंबर तक सभी columns internally connect होते है और ये ऊपर और नीचे  दोनों तरफ के columns connect होते है लेकिन ऊपर और नीचे  वाले columns और row एक दूसरे  से नही जुड़े होते बीच  में थोड़ी सी जगह खाली  रहती है जहाँ पर आपको Learn EEE लिखा  दिख रहा होगा | नीचे  दी गई Image को देख के आप समझ सकते है की किस तरह से BreadBoard में Components को लगाया जाता है |

breadboard connection with jumper wire in hindi
Breadboard Connection with Arduino


जैसा की इस Image में दिख रहा होगा की PCB और BreadBoard को jumper Wires की मदद से एक दूसरे से connect किया गया है |

तो दोस्तों  ये है BreadBoard की पूरी जानकारी अगर आपने ये पोस्ट पूरी पढ़ी है तो मुझे पूरी उम्मीद है की अब तक तो आप समझ ही गए होंगे की BreadBoard क्या होता है और BreadBoard में connection किस प्रकार से किए जाते है, फिर भी आपके BreadBoard को लेकर  कोई doubt रह गए या अगर आपको समझ में नही आया तो आप इस पोस्ट के नीचे  comment box में अपना जो भी doubt हो उसको लिख सकते है, हम आपके सभो comments का reply करने की पूरी कोशिश करेंगे | BreadBoard के ऊपर हमने Learn EEE channel पर विडियो भी बना रखी है, आप चाहें तो आप उस विडियो को भी देख सकते है |


How to Use a BreadBoard in Hindi, BreadBoard Connections ब्रेडबोर्ड कैसे इस्तेमाल करते है ? How to Use a BreadBoard in Hindi, BreadBoard Connections ब्रेडबोर्ड कैसे इस्तेमाल करते है ? Reviewed by Joshi Brothers on अक्तूबर 29, 2019 Rating: 5
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