DC Generator Working Principle in Hindi. DC Generator Construction in Hindi

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DC Generator Working Principle in Hindi.
DC Generator

DC Generator का Working Principle

DC Generator फैराडे के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्सन के सिद्धांत पर काम करता है। फैराडे के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्सन के अनुसार  जब भी कोई चालक (Conductor) किसी चुम्बकीय बल रेखाओं  को काटता है या काटने की कोशिश  करता है तो उन चालको (Conductors) में EMF पैदा होती है, और ये EMF फ्लक्स (Flux) परिवर्तन की दर और उन चालकों की संख्या के समानुपाती (Proportional) होती है।

DC Generator के मुख्य भाग:-


(1) स्टेशनरी भाग (Stationary Parts)
(2) रोटेटिंग भाग (Rotating Parts)

(1) स्टेशनरी भाग (Stationary Parts):- ये DC Generator के वह भाग होते है जो DC Generator के चलने की स्थिति में स्थिर रहते हैं , इस दौरान Generator के इन भागों में किसी भी प्रकार का कोई Movement नहीं  होता, और ये भाग है:-

(a) बॉडी (Body):- Body Generator का वह भाग होता है जिसमें पूरा Generator Cover किया जाता  है| इसमें Generator की Armature Winding, Field Winding और शाफ़्ट सभी Body से कवर होते हैं । आज कल body ज्यादातर Fabricated Steel की बनाई जाती है।


(b) आई - बोल्ट (Eye Bolt):- Eye Bolt, Generator body के सबसे ऊपर वाले भाग में लगा होता है। इसको लगाने का मुख्य कारण यही होता है, की जब भी Generator को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना हो तो Eye Bolt की मदद से उठाकर ले जाया जा सकता है। Eye Bolt Generator के साइज पर निर्भर करता है कि कितना बड़ा या कितने Eye Bolt लगाने है। वैसे Eye Bolt सभी मशीनों में लगाए जाते हैं ।

(c) पोल (Pole):- Pole कास्ट आयरन या नर्म स्टील को lamination करके  बनाया जाता है, ये या तो body पर फिक्स किये रहते हैं  या फिर body से अलग होते हैं ।

(d) योक (Yoke):- ये DC Generator के Construction करने वाले पर निर्भर करता है कि वो एक Generator में Yoke और body दोनों लगाता है या इनमें से कोई एक क्योकि कभी-कभी या तो Yoke लगा रहता है या फिर Body होती है। Yoke, Magnetic Flux के लिए एक आसान रास्ता बनाने का काम करता है।

(d) ब्रश और ब्रश गियर (Brush or Brush Gear):- Brush का मुख्य काम Generator के Commutator से Supply Voltage लेकर उसको बाहरी Circuit को देना होता है। शायद आपने Hand Grill Machine में Brush देखें हो, उसमें जो Brush लगते हैं  वो Carbon Brush होते हैं , जिनका काम बाहरी Circuit से Voltage लेकर Armature को देना होता है।

DC Generator में तीन प्रकार के Brush प्रयोग किए जाते हैं ।

(i) कॉपर ब्रश (Copper Brush):- Copper Brush ज्यादातर, ज्यादा Rating वाले यानी कि बड़े  Generators में इस्तेमाल किया जाता है, क्योकि Copper होने की वजह से ये काफी Hard होते हैं , जिसकी वजह से Commutator के खराब होने की सम्भावनाएं बड़ जाती हैं , और जिनका Resistance भी कम होता है।
(ii) कार्बन ब्रश (Carbon Brush):-  जैसा कि हमने ऊपर बताया था कि Carbon Brush, Drill Machine में भी इस्तेमाल किए जाते हैं । carbon brush सबसे ज्यादा इस्तेमाल में आने वाले brush होते हैं , क्योकि इनके इस्तेमाल से Commutator को  कोई नुकसान नहीं  होता ये Copper Brushs की तरह hard नही होते।

(iii) कॉपर और कार्बन ब्रश (Copper or Carbon Brush):- Copper or Carbon Brush को High Rating के Generators में इस्तेमाल किया जाता है। इनको Copper और Carbon के मिश्रण से बनाया जाता है।

(e) साइड कवर (Side Cover):- Side Cover, Generator की Body को कवर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसमें Bearing लगे होते हैं  जोकि शाफ़्ट को सही से center में रखते हैं ।

(f) बेयरिंग (Bearing):- किसी भी Machine में Bearing को इस्तेमाल करने का मुख्य कारण Machine के चलते समय घर्षण कम करना होता है। घर्षण के होने से Losses होते हैं  और घर्षण जितना कम किए जा सकें उतनी ही Machine की लाइफ बढ़ती है। Bearing को DC Generator में भी घर्षण कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, और इनके इस्तेमाल से मशीन की Smoothness भी बढ़ जाती है।

बेयरिंग (Bearing) के भी तीन प्रकार होते हैं :-

(i) स्लीव बेयरिंग (Sleeve Bearing):- Sleeve Bearing का इस्तेमाल कम Rating या छोटे Generators में किया जाता है।

(ii) बाल बेयरिंग (Ball Bearing):- Ball Bearing सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला Bearing है। इसके अंदर छोटे - छोटे Balls लगे होते हैं  जिनमे ग्रीस लगाकर इनकी चिकनाई और Smoothness और भी ज्यादा बड़ाई जाती है।

(iii) रोलर बेयरिंग (Roller Bearing):- Roller Bearing, high Rating के Generators के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं । इन Bearings को ज्यादा से ज्यादा वजन सहन करने के लिए design किया जाता है और ये काफी समय तक चलते हैं ।

(2) रोटेटिंग भाग (Rotating Parts):- ये भाग DC Generator के वो भाग होते हैं  जो DC Generator के चलते  समय Movement करते हैं , और ये भाग है:-

(a) आर्मेचर (Armature):- DC Generator में Armature एक Rotating Part होता है। Armature Magnetic Area में घूमता है। इसमें winding के लिए slots बने होते हैं , जिनमे armature winding की जाती है। Armature, Silicone Steel को Laminate करके बनाया जाता है, ताकि Eddy Current Losses और Hysteresis Losses को कम किया जा सके।

(b) कम्यूटेटर (Commutator):- Commutator हार्ड कॉपर का segment होता है और हर एक segment एक दूसरे से laminate करके shaft पर लगे होते हैं । Commutator की मदद से ही Generator, Brush को output voltage देता है और फिर Brush उस voltage को बाहरी circuit तक पहुंचा  देते हैं ।

(c) पंखा और शाफ़्ट (Fan and Shaft):- shaft and fan भी DC Generator के Rotating भाग होते हैं । fan, Commutator के opposite side में लगा होता है ये Generator को ठंडा रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। fan cast iron के बने होते हैं । shaft पर Fan, Armature, Commutator और Bearing लगे होते हैं । shaft को mild steel से बनाया जाता है।

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DC Generator Working Principle in Hindi. DC Generator Construction in Hindi DC Generator Working Principle in Hindi. DC Generator Construction in Hindi Reviewed by Joshi Brothers on जुलाई 16, 2018 Rating: 5

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